साजन मिश्रा,
गोड्डा(बसंतराय): सांप्रदायिक सौहार्द की अछ्वुत संगम स्थली के रूप में प्रसिद्ध बसंतराय तालाब के किनारे लगने वाले बिसुवा मेला कोरोना वायरस जैसी महामारी के कारण रद्द कर दिया गया है.
ऐतिहासिक व धार्मिक आस्था से जुड़े बसंतराय तालाब के किनारे लगने वाले प्रसिद्ध बिसुवा मेला में इस बार यहां आस्था की डुबकी नहीं लगी.
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मेला नहीं लगने से गरीब तबके लोगों को काफी नुकसान हुआ है जो छोटी मोटी दुकान से हर साल कुछ कमा लेते थे. हर वर्ष 14 अप्रैल यानी चैत्र मास की अंतिम व बैसाख की पहली तारीख को यहां 52 बीघा के क्षेत्रफल में फैले बसन्तराय तालाब के चारो ओर विशाल मेला लगता था, जहां काफी संख्या में आदिवासी, गैर आदिवासी व साफा होड़ के लोग स्नान करके पूजा अर्चना करते थे. लेकिन इस बार तालाब के चारों ओर सुनसान पड़ा है. लाखों रुपये में इस मेले की बंदोबस्ती होती है जिससे इसका राजस्व सरकार को मिलता है.
करीब एक माह तक चलने वाले इस मेले में कई खेल तमाशे भी यहां आते हैं. साफा होड़ समुदाय के लोग जो अन्य राज्यों व जिलों से यहां आते हैं, वो इसी तालाब में डुबकी लगाकर दीक्षा लेकर सतमार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं.
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इतना ही नहीं प्रत्येक वर्ष इस मेला को प्रखंड प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन पूर्व से ही मेला में शांति व्यवस्था बनाने को लेकर कवायद शुरू करती थी. बतौर मेला का डाक होता था और मेला से सरकार को बड़ी मात्रा में राजस्व की प्राप्ति भी होती थी.
हालांकि सुबह-सुबह तालाब के चारों ओर बने घाट पर लोग धीरे-धीरे आस्था की डुबकी लगाने बड़ी संख्या में पहुंच रहे थे और बसंतराय बाजार में सोशल डिस्टेंसिंग की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही थी. जिसे बसंतराय प्रशासन के द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए खाली करा लिया गया.