709 मामले 30 दिनों के पहले के हैं
रांची: रांची में म्यूटेशन के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं. उस हिसाब से निष्पादन का आंकड़ा बहुत ही धीमा है. आंकड़ों पर गौर करें तो रांची के 18 अंचलों में म्यू़टेशन के 9090 मामले लंबित हैं. इनमें 709 मामले 30 दिनों के अंदर के हैं. 2000 से अधिक आपत्तियां दर्ज करायी गयी हैं. जबकि, राज्य में राइट टू सर्विस एक्ट भी लागू है. यह एक्ट केवल नाममात्र का रह गया है. इस एक्ट का राज्य में सही तरीके से पालन नहीं हो रहा है. अधिकारियों व कर्मचारियों की ओर से लगातार लापरवाही बरती जा रही है.
रांची में नगड़ी, नामकुम व कांके अंचल में सबसे अधिक लंबित हैं मामले:
रांची के तीन अंचल नगड़ी नामकुम व कांके अंचल में म्यूटेशन के सबसे अधिक मामले लंबित हैं. इन तीनों में सबसे अधिक नामकुम अंचल में 1668 मामले लंबित हैं. इसके अलावा रातु, हेहल व अरगोड़ा में भी कई मामले लंबित हैं.
कोरोना महामारी भी रही वजह:
म्यूटेशन के मामले लंबित होने की एक वजह कोरोना महामारी भी रही. लगभग छह माह में केवल मामले ही आये, उनका निपटारा नहीं के बराबर हुआ. जिस कारण लंबित होने का आंकड़ा लगातार बढ़ता गया.
म्यूटेशन का आंकड़ा कम करने का निर्देश दिया जाता रहा है:
म्यूटेशन का आंकड़ा कम हो इसको लेकर डीसी लगातार बैठक कर अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते रहे हैं. बावजूद इसके म्यू टेशन का आंकड़ा अब तक नहीं सुधर पाया है.
म्यूटेशन के लिए निर्धारित समय
सरकार के राइट टू सर्विस एक्ट के तहत म्यूटेशन के लिए आवेदन देने के 30 दिनों के अंदर उसका निपटारा किया जाना है. अगर जमीन से जुड़े कागजातों में कोई कमी हो तो आपत्ति दर्ज कर कर्मचारी दस्ताजवेज की मांग कर सकता है. इस सिचुएशन में 90 दिनों तक मे म्यूटेशन कर देने का प्रावधान है. लेकिन, रांची जिले मे रांची जिले में जमीन के ऑनलाइन म्यूटेशन में चार महीने से ज्यादा समय लग रहा है. इतना ही नहीं, ऑनलाइन म्यूटेशन शुरू होने के बाद लंबित आवेदनों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है.
लंबित म्यूटेशन के आंकड़े इस प्रकार हैं:
अंचलों के नाम-लंबित म्यू़टेशन के आंकड़े
अनगड़ा-159
अरगोड़ा-674
इटकी-79
ओरमांझी-287
कांके-1526
खलारी-15
चान्हो-225
तमाड़-81
नगड़ी-1000
नामकुम-1668
बड़गाईं-555
बेड़ो-43
बुढ़मू-207
बुंडू-165
मांडर-150
रातु-849
राहे-71
लापुंग-11
शहर-368
सिल्ली-225
सोनाहातु-63
हेहल-660