नई दिल्ली: ओलंपिक 2024 की तैयारी कर रहे 96 फीसदी खिलाड़ी देश के विभिन्न शहरों में मौजूद साई के नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (एनसीओई) और संबंधित केंद्रों में प्रशिक्षण के लिए पहुंच गए हैं. यह खिलाड़ी औरंगाबाद, भोपाल, बंगलौर, दिल्ली, लखनऊ, रोहतक और सोनीपत में प्रशिक्षण ले रहे हैं. इसके पहले जिन खिलाड़ियों ने टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया था, उन्हें फिर से एनसीओई और एसटीसी में प्रशिक्षण के लिए पहुंचने को कहा गया था. प्रशिक्षण कैंप में जो खिलाड़ी शामिल हो रहे हैं, उनके लिए कोविड-19 के खतरे को देखते हुए आरटी-पीसीआर टेस्ट और क्वारंटीन में रहना अनिवार्य किया गया है. कुछ खिलाड़ी अभी तुरंत प्रशिक्षण कैंप में शामिल नहीं हो पाएं, वह दिवाली के बाद वहां पर पहुंचेंगे. जो खिलाड़ी एक बार एनसीओई के बॉयो-बबल में पहुंच जाएंगे, वह फिर संक्रमण के खतरे को देखते हुए, कैंप को छोड़कर नहीं जा सकेंगे. इसीलिए खिलाड़ियों को यह विकल्प दिया गया था, कि या तो वह एक नवंबर 2020 तक कैंप ज्वाइन कर ले या फिर दिवाली के बाद कैंप ज्वाइन करे.
दोबारा खेल गतिविधियों के शुरू होने पर केंद्रीय युवा मामलों और खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि टोक्यो जाने वाले खिलाड़ी पहले से प्रशिक्षण ले रहे हैं. मुझे खुशी है कि इस दौर में भी अधिक से अधिक खिलाड़ियों ने कैंप ज्वाइन कर लिया है. खिलाड़ियों का यह कदम इस बात को भी साबित करता है कि साई द्वारा प्रशिक्षण के दौरान तय किए गए सुरक्षा के प्रोटोकॉल पर खिलाड़ियों को पूरा भरोसा है. खिलाड़ियों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है. प्रशिक्षण के दौरान उनकी सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे.
प्रशिक्षण स्थल पर सुरक्षा के मद्देनजर कलर कोडिंग के साथ-साथ सेंटर को कई क्षेत्रों में बांटा गया है. इन कदमों के जरिए कोशिश यह है कि खिलाड़ी किसी भी बाहरी व्यक्ति के संपर्क में नहीं आए. सभी सुरक्षा मानकों को स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्य सरकारों द्वारा तय किए गए दिशानिर्देशों के आधार पर लागू किया गया है. इनका कदमों का मकसद यही है कि खिलाड़ी सुरक्षित वातारण में रहकर प्रशिक्षण प्राप्त कर ओलंपिक की तैयारी कर सकें.
इसके पहले साई अधिकारियों ने सभी खिलाड़ियों और उनके माता-पिता से भी संपर्क किया है. उन्होंने उन लोगों को यह जानकारी दी कि क्या सुरक्षा प्रोटोकॉल बनाए गए है. और उन्हें साई केंद्र पहुंचने से पहले यह बता दिया गया था कि उन प्रोटोकॉल का सभी को पालन करना पड़ेगा. जिन खिलाड़ी और माता-पिता से संपर्क किया गया, वह सभी सुरक्षा कदमों से संतुष्ट थे.
इसके अलावा भारतीय खेल प्राधिकरण ने खिलाड़ियों को एनसीओई/साई प्रशिक्षण केंद्रों पर पहुंचने के लिए उनके आने-जाने का भी प्रबंध किया है. इसके तहत जिन खिलाड़ियों ने 500 किलोमीटर या उससे ज्यादा की दूरी की यात्रा की है, उन्हें हवाई यात्रा का टिकट और जिन खिलाड़ियों ने 500 किलोमीटर से कम दूरी की यात्रा की है, उन्हें थर्ड एसी का ट्रेन टिकट मुहैया कराया गया है.