साहिबगंज: अनुसाशन, धैर्य, एवं सटीक जीवनशैली का दूसरा नाम है द्रौपदी देवी. द्रौपदी देवी ने 99 साल की उम्र में कोरोना से जीत हासिल करते ही एक मिसाल कायम कर दिया. एक तरफ कोरोना वायरस गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों के लिए श्राप बन गया है तो वहीं संक्रमण ने सभी लोगों में एक डर बना दिया है.
परंतु जीवन मे अनुशासित खान पान तथा जीवन को हमेशा सकारात्मक ढंग से जीते रहने से किसी भी उम्र में बीमारी को हराया जा सकता है.
सकरुगढ़ की रहने वाली द्रौपदी देवी अब जल्द ही 100 साल की हो जाएंगी. डॉक्टर्स ने बताया कि वृद्धा की रोग प्रतिरोधी क्षमता अच्छी थी तथा अस्पताल में इलाज के दौरान उनके कभी भी ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ी थी यही नही वह पूरे इलाज के दौरान काफ़ी स्टेबल रहीं और उन्होंने कोरोना को आख़िरकार हरा दिया.
डॉक्टर्स ने कहा कि वह मरीज़ों को हाई प्रोटीन डाइट तथा बैलेंस डाइट के साथ मल्टी विटामिन्स एवं एममुनिटी बूस्टर दवाएं भी देते हैं तथा उन्होंने वृद्ध महिला को भी इलाज के दौरान दिया था.
परंतु साहस एवं सकारात्मक पहलू भी एक नजरिया है जिससे बीमारी के दौरान जीवन को गति मिलती है और बीमारी से लड़ने को मज़बूती मिलती है.
डॉक्टर्स का कहना रहा कि इतनी उम्र में भी किसी गंभीर बीमारी जैसै डाइबटीज या अन्य तरह कि बीमारी न रहना विद्धा के काफ़ी फायदेमंद रहा जिससे वह संक्रमण से स्वस्थ्य हो सकीं.
99 साल की द्रौपदी देवी पूरी तरह स्वस्थ्य हो कर राजमहल विशेष covid अस्पताल से विदा होते हुए अपने पीछे एक इतिहास छोड़ गयीं हैं ये इतिहास जो साहिबगंज जिले में सबसे बड़ी उम्र की वृद्ध महिला का कोविड-19 संक्रमण को हरा देना बताएगा साहस और अनुशासन बताएगा.
जिला प्रशासन विशेष covid अस्पताल के जरिए जिले के कोरोना संक्रमित मरीज़ों का इलाज कर रहीं हैं जहाँ अभी तक 7 मरीज़ ठीक हो के विदा हो चुके हैं.
द्रौपदी देवी इतनी अधिक उम्र की कोरोना मरीज ने अपनी जीवटता की बदौलत इस खतरनाक बीमारी से उबरने में कामयाब रही और यह एक मिसाल है जो इस बीमारी की चपेट में आ चुके लोगों को लड़ने की हिम्मत देगा.