चतरा: कोरोना संक्रमण को ले देश में लागू लॉकडाउन के बीच चतरा में प्रवासी मजदूरों का आना निरंतर जारी है. मजबूरी और भूख के मारे कुछ मजदूर पैदल तो कुछ साइकिल के सहारे भी चतरा पहुंच रहे हैं. ऐसे में ना सिर्फ चतरा पर संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है बल्कि मजदूर भी पैदल चलते-चलते हलकान हैं.
ऐसे ही महाराष्ट्र से पैदल गोड्डा जा रहे एक दर्जन मजदूरों का जत्था आज अहले सुबह चतरा जिले के सिमरिया पहुंचा. सिमरिया पहुंचने पर थके-हारे मजदूरों को न सिर्फ स्थानीय पत्रकारों की टीम का सहारा मिला बल्कि उन्हें रास्ते में रोककर पानी और बिस्किट देकर उनके दर्द को भी कम करने का प्रयास किया गया.
28 दिनों में करीब 14 सौ किलोमीटर की पैदल यात्रा कर प्रवासी मजदूर इतने थक चुके थे कि उनके पैरों में न सिर्फ छाले पड़ गए थे बल्कि हिम्मत भी जवाब दे गया. ऐसे में करीब साढ़े तीन सौ किलोमीटर की और पैदल यात्रा उनके लिए परेशानी का सबब बन गया है.
मजदूरों ने बताया कि वे महाराष्ट्र में कंस्ट्रक्शन साईट पर काम करते थे. लेकिन लॉकडाउन के कारण दो महीने से काम पूरी तरह से बंद हो गया था.
ऐसे में उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. न तो खाने के लिए अनाज था और न ही राशन खरीदने के लिये पैसे. इस स्थिति में सभी पैदल ही अपने घर के लिये निकल गए. उन्हें गोड्डा पहुंचने में अभी भी करीब सात से आठ दिन और लगेंगे.