रांची: झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार किया है कि कोरोना वायरस कोविड-19 संक्रमण के कारण झारखंड में बड़ी संख्या में लोगों की चली गयी है और काम-धंधा चौपट गया है. उन्होंने कहा कि वह यह चाहती हैं कि इस संस्था से जुड़े उद्यमी झारखंड के वैसे लोगों के नियोजन की दिशा में भी ध्यान दें, जिनकी कोविड-19 महामारी के कारण नौकरी चली गयी है. राज्यपाल शनिवार को अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन को संबोधित कर रही थी.
राज्यपाल ने कहा कि मारवाड़ी समाज न केवल उद्यमशील होते हैं, बल्कि समाजसेवा के क्षेत्र में भी अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं. राष्ट्र निर्माण की दिशा में इस समाज का सहयोग और अपेक्षित है. उन्होंने कहा कि उनका यह मानना है कि जीव लोक में निःस्वार्थ भव से जो परोपकार के लिए जीता है, संघर्ष करता है, वह सच मायने में जिन्दगी को सही तरीके से जीता है. निस्वार्थ भाव से किया जाने वाला परोपकार ही ईश्वर की सच्ची पूजा है. उन्होंने कहा कि धन कमाने के साथ मनुष्य में दान करने की भी प्रवृत्ति होनी चाहिए. प्रसन्नता का विषय है कि इस संस्था से जुड़े लोग ऐसा कर रहे हैं.
राज्यपाल ने कहा कि मारवाड़ी समाज द्वारा विभिन्न स्थलों पर लोकहित में धर्मशाला का निर्माण करना सराहनीय है, संस्था स्वास्थ्य के क्षेत्र में और सक्रियता से कार्य करें. आज लोगों का स्वास्थ्य और पोषण एक चुनौती है. राज्य में कुपोषण की भी समस्या है, ऐसे में बहुआयामी संस्था को राज्य को कुपोषण से मुक्त करने और लोगों के स्वास्थ्य सुधार की दिशा में भी आगे आना चाहिए.
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के विकराल प्रकोप के दौर में जब लगभग संपूर्ण विश्व लॉकडाउन में चला गया था, बहुत से लोगों के समक्ष स्वास्थ्य के साथ जीवनयापन की भी समस्या आयी, लेकिन समाज द्वारा भोजन वितरण का भी कार्यक्रम चलाया.