नईदिल्ली: कोरोना से पीड़ित किस मरीज को सांस लेने में कितनी दिक्कत होगी ये उसके ब्लड ग्रुप पर निर्भर करता है. जी हां कोरोना वायरस ने दुनियाभर में अब तक 65 लाख से अधिक लोगों को अपनी चपेट में लिया है. इससे होने वाली मौत का आंकड़ा भी चार लाख के करीब पहुंचने वाला है. इस बीमारी का लक्षण है कि इसमें मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है. इसी कारण उसकी मौत भी हो जाती है. अब एक रिसर्च में खुलासा किया है कि किस मरीज को सांस लेने में कितनी दिक्कत होगी ये उसके ब्लड ग्रुप तय करेगा.
A पॉजिटिव ग्रुप को सबसे अधिक खतरा
रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि A पॉजिटिव ग्रुप के मरीजों को कोरोना संक्रमित होने पर सांस में लेने में ज्यादा दिक्कत होती है. जबकि O पॉजिटिव मरीजों में ये खतरा कम रहता है. यह रिसर्च करीब 1600 लोगों पर किया गया है. डॉक्टरों ने यह रिसर्च जीन के आधार पर किया है. रिसर्च में शोधकर्ताओं ने 2205 ऐसे ब्लड सैंपल का भी विश्लेषण का जो कोरोना से संक्रमित नहीं थे.
नहीं बनी अभी तक वैक्सीन
कोरोना वायरस के लिए कई देशों के वैज्ञानिक इसकी वैक्सीन तैयार करने में लगे है लेकिन किसी को भी सफलता नहीं मिल पाई है. . लेकिन अभी तक किसी को कोई ठोस कामयाबी हाथ नहीं लगी है. इस बीच दो कंपनियों ने अच्छी खबर दी है और दावा किया है कि उनकी वैक्सीन शुरुआती दौर में कारगार साबित हो रही है. आपको बता दें की करीब 100 से ज्यादा कंपनियां इस वक्त कोरोना की वैक्सीन तैयार करने में लगी है.