उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. 2 बार क्वारंटाइन सेंटर से भागे युवक ने आत्महत्या कर ली. दोनों बार अधिकारियों ने उसे ढूंढ निकाला था और उसे वापस केंद्र में ले आए थे. 23 साल का यह प्रवासी मजदूर फिर क्वारंटाइन केन्द्र से भाग गया और फिर यह पता चलने पर कि पुलिस उसे तलाश रही है, उसने कथित तौर पर खुदकुशी कर ली. यह घटना उत्तर प्रदेश के लखीमपुर की है. उत्तर प्रदेश में कोरोना से संबंधित यह पांचवीं आत्महत्या है.
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पीड़ित 6 भाई-बहनों में सबसे छोटा था और 28 मार्च से गांव के बाहरी इलाके में बने एक स्कूल में क्वारंटाइन में था. पुलिस का कहना है कि ऐसा लगता है कि पीड़ित क्वारंटाइन रहने को लेकर बहुत ज्यादा डर गया और उसने इतना बड़ा कदम उठाया. जबकि अधिकारियों ने उसे बार-बार यह समझाने की कोशिश की उसका अलग रहना केवल एक एहतियाती उपाय है. अधिकारियों ने उसे केंद्र में उचित भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं-चीजें प्रदान कीं थी. पुलिस ने बताया कि शव को ऑटोप्सी के लिए भेज दिया गया है और जिला प्रशासन शोक संतप्त परिवार को मुआवजा प्रदान करेगा.
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इसके पहले भी बुखार और सर्दी से पीड़ित एक किसान ने ‘अपने पूरे गांव को कोरोना वायरस से संक्रमित होने से बचाने’ के लिए आत्महत्या कर ली थी. यह घटना मथुरा में हुई थी. इससे पहले 24 मार्च को बुखार और खांसी से पीड़ित एक युवक ने कानपुर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, क्योंकि उसे डर था कि वह कोरोना वायरस से पीड़ित है. पिछले महीने, 2 अलग-अलग घटनाओं में, हापुड़ और बरेली में 2 युवाओं ने आत्महत्या कर ली थी, क्योंकि उन्हें यह लग रहा था कि वे इस वायरस से पीड़ित थे.