आम आदमी पार्टी अपने सातों उम्मीदवारों को बेहद अहम माने जाने वाले विधानसभा चुनाव में उतारने की रणनीति पर काम कर रही है। लोकसभा चुनाव हारे आप उम्मीदवार अब विधानसभा चुनाव में भी ताल ठोंकते दिख सकते हैं। इसका संदेश भी आप ने उनको दे दिया है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि एक उम्मीदवार को छोड़कर बाकी किसी ने अब तक चुनाव लड़ने की अनिच्छा नहीं दिखाई है। पार्टी रणनीतिकारों के मुताबिक, बेहद अहम विधानसभा चुनाव में हर स्तर पर चाक-चौबंद होकर उतरना है।
रणनीतिक स्तर पर उम्मीदवारों के चयन में कोई ढिलाई नहीं बरतनी है। रणनीतिकार मान रहे हैं कि मोदी लहर में बेशक सातों उम्मीदवार हार गए हों, लेकिन वह अपने-अपने इलाकों में लंबे समय से सक्रिय हैं। मतदाताओं के बीच उनकी पैठ भी है। उन्हें आप स्टाइल के चुनाव प्रचार अभियान की भी बारीक समझ है। ऐसे में पार्टी अपने भविष्य के लिए बेहद नाजुक माने जाने वाले चुनाव में मंझे हुए सियासी मुहरों का भी इस्तेमाल करना चाहती है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सातों उम्मीदवार में से सिर्फ पश्चिमी दिल्ली प्रत्याशी ने चुनाव लड़ने से अनिच्छा जाहिर की है। बाकी दिलीप पांडेय, आतिशी, राघव चड्ढा, बृजेश गोयल, गुग्गन सिंह व पंकज गुप्ता पार्टी के फैसले को नकार नहीं रहे हैं। एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी जिम्मेदारी देती है तो वे विधानसभा चुनाव में भी जोर-आजमाइश करते नजर आएंगे।