रांची: राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने कहा कि देश के कई किसान संगठनों ने नए कृषि कानूनों का स्वागत किया है. किसानों में एक नई उम्मीद जगी है और देश के विभिन्न हिस्सों से नए कृषि कानूनों का लाभ उठाकर किसानों द्वारा उपलब्धियां अर्जित करने की कई सुकून देनेवाली कहानियां भी सामने आ रही हैं. लेकिन कुछ किसान संगठनों में इन कृषि सुधारों को लेकर एक भ्रम पैदा किया है और इन कोशिशों के पीछे राजनैतिक लाभ हासिल करने की मंशा है.
देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर खुद किसान परिवार से आते हैं. उन्होंने किसानों की समस्यायें देखी हैं, जरूरतें समझी हैं और इसीलिये वे लगातार किसानों की तकलीफें कम करने का प्रयास कर रहे हैं, किसानों का भ्रम दूर करने और बातचीत के जरिये उन्हें आंदोलन वापस लेने को राजी करने का प्रयास कर रहे हैं.
कृषि मंत्री ने किसानों के नाम अपने पत्र में जो तथ्य दिए हैं, उससे भी सरकार के नेक इरादे परिलक्षित होते हैं. नए कानून लागू होने के बाद एमएसपी पर खरीद के सभी पिछले रिकॉर्ड टूट गए हैं. इसके बावजूद ये भ्रम फैलाया जा रहा है कि एमएसपी बंद कर दी जायेगी. मंडियों को बंद करने की नए कानूनों में कहीं चर्चा नहीं, उल्टे सरकार मंडियों को आधुनिक तकनीक से जोड़ रही है, मंडी व्यवस्था को किसानों के लिए सुविधाजनक और लाभकारी बना रही है.
इसके बावजूद ये अफवाह फैलाई जा रही है कि मंडियों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा. कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के तहत सौदा केवल और केवल फसल का होगा, इसके बावजूद किसानों को ये कहकर गुमराह किया जा रहा है कि उनकी जमीन खतरे में पड़ जायेगी. नए कृषि कानूनों के तहत किसानों को फसल उगाने से पहले दाम की गारंटी मिलेगी, तय समयसीमा के अन्दर भुगतान का प्रावधान है, किसान किसी भी समय बिना किसी जुर्माने के कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर सकते हैं. ऐसे में किसान असुरक्षित हो जाएगा, ऐसा कौन सा प्रावधान नए कृषि कानूनों में है, जिसका दुष्प्रचार कुछ खास राजनैतिक शक्तियां कर रही हैं.
दरअसल, पिछले छः वर्षों में भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति देश के लगातार बढ़ते भरोसे ने कुछ राजनैतिक शक्तियों के सामने अस्तित्व का खतरा उत्पन्न कर दिया है. अपना अस्तित्व बचाने को ये ताकतें कभी छात्रों, कभी दलितों, कभी अल्पसंख्यकों, कभी महिलाओं और अब किसानों की आड़ लेकर अपना अस्तित्व बचाने, मोदी सरकार को अस्थिर करने और उसके लिए अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.
कृषि मंत्री तोमर ने देश के किसानों को ऐसे तत्वों से सावधान रहने और अपने कंधे का इस्तेमाल करने की इजाजत न देने का अनुरोध किया है. किसान हर मुद्दे पर बातचीत को तैयार है, एमएसपी और एपीएमसी के मामले में लिखित गारंटी देने को तैयार है और इसके अलावा भी अगर किसानों को किसी बात की शंका हो तो उसका समाधान करने को तैयार है.
देश के अन्नदाताओं को देश के कृषि मंत्री और एक किसान के बेटे की अपील पर विचार कर, कुत्सित इरादे वाली राजनैतिक शक्तियों की साजिश विफल कर, देश और किसान हित में सार्थक वार्ता के माध्यम से इस गतिरोध को समाप्त करने की पहल करनी चाहिए.देश के बुद्धिजीवी तबके का भी यह दायित्व है कि वह किसानों का भ्रम दूर करने में सरकार की मदद करे, किसानों के एक वर्ग को विघ्नसंतोषियों की कठपुतली बनने से रोके.