पटना: लंबे इंतजार के बाद बिहार में आखिरकार मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है. बिहार की राजधानी पटना स्थित राजभवन में मंगलवार को आयोजित शपथ ग्रहण समारोह के दौरान बीजेपी और जेडीयू के कुल 17 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली. मंत्री पद की शपथ लेने वाले नेताओं में जिन नेताओं का नाम है उनमें से एक जमा खान भी हैं.
कई आपराधिक मामले हैं दर्ज
हाल ही में बसपा से जेडीयू में आए जमा खान को सीएम नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल में जगह दी. हालांकि, उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने पर विवाद शुरू हो गया है. विवाद इस बात का है कि जमा खान की हिस्ट्री दबंग नेता के रूप में रही है. उनपर 24 के आसपास आपराधिक मामले दर्ज हैं. बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने चुनाव आयोग को जो हलफनामा दिया था, उसमें उन्होंने अपने ऊपर हत्या, हिंसा भड़काने, आर्म्स एक्ट जैसे मामलों में चल रहे मुकदमे का जिक्र किया था.
पहले भी हो चुका विवाद
ऐसे में अब सवाल उठने लगा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किसी दागी को मंत्रिमंडल में जगह क्यों दे रहे हैं? बता दें कि इससे पहले पहले जब मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाया गया था तब विपक्ष ने जमकर बवाल किया था. उन्होंने सीएम नीतीश पर कई सवाल उठाए थे. इस वजह से मंत्री पद ग्रहण करने के चंद घंटों बाद ही मेवालाल चौधरी को इस्तीफा देना पड़ा था.
किसान के बेटे हैं जमा खान
बता दें कि जमा खान चैनपुर विधानसभा के नौघड़ा गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता साहब जमा खान उस गांव के बड़े किसान हैं, जो शिक्षित नहीं थे और माता जी रूबी जमा खान जो आठवीं पास हैं. माता-पिता उन्हें पढ़ना-लिखाना चाहते थे, इसलिए उन्हें उनके मामा के घर बनारस भेज दिया था. बनारस में रहकर उन्होंने अपने डॉक्टर मामा के पास पढ़ाई की.
जमा खान छात्र जीवन से ही छात्र नेता रहे हैं. वो बनारस डीएवी स्कूल के छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे हैं. जमा खान ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की है. उन्होंने पहली बार कैमूर जिले में 2002 में जिला परिषद का चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था. 2005 में वे बीएसपी की टिकट पर महाबली सिंह के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे थे, लेकिन तब भी उनकी हार हो गई थी.