पंकज सिन्हा,
लातेहार: चंदवा में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने दिल्ली दंगा मे माकपा महासचिव सीताराम येचुरी व अन्य को फंसाए जाने से पार्टी कार्यकर्ता आक्रोशित हैं, पार्टी के अंचल सचिव रसीद मियां के नेतृत्व में शुक्रवारीय बजार टांड़ में प्रदर्शन किया गया और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का पुतला भी फुंका. भाजपा नेतृत्व वाली नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
कार्यकर्ता केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होश में आओ, दिल्ली दंगों में निर्दोषों को फंसाना बंद करो जैसे नारे लगा रहे थे, ज्ञात हो कि सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव, अर्थशास्त्री जयती घोष, डीयू के प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद और डॉक्युमेंट्री फ़िल्ममेकर राहुल रॉय के नाम दिल्ली दंगों की पूरक चार्जशीट में सह – साजिशकर्ता के तौर शामिल किया गया है.
प्रदर्शनकारियों को संम्बोधित करते हुए माकपा के वरिष्ठ नेता अयुब खान ने कहा कि दिल्ली पुलिस केंद्र की भाजपा सरकार और गृह मंत्रालय के नीचे काम करती है, उसकी ये अवैध और ग़ैर – क़ानूनी हरकतें भाजपा के शीर्ष नेताओं के चरित्र को दर्शाती हैं, वो विपक्ष के सवालों और शांतिपूर्ण प्रदर्शन से डरते हैं और सत्ता का दुरुपयोग कर झूठे मुकदमे में फंसाकर विपक्षी नेताओं को जेल में डालने की साज़िश कर रही है, हमारा संविधान हमें प्रकार के भेद भाव वाले कानूनों के विरुद्ध शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार देता है, बल्कि यह हमारी ज़िम्मेदारी भी है, मोदी सरकार न सिर्फ़ संसद में सवालों से डरती है, बल्कि कॉन्फ़्रेन्स करने, आर टी आई का जवाब देने से, मोदी का निजी फंड हो या अपनी डिग्री दिखाने के नाम से ही घबराती है, दिल्ली दंगों के दौरान कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर सहित कई भाजपा नेताओं के जहरीले भाषणों का वीडियो उपलब्ध है, लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं कर मोदी सरकार के आदेश पर विपक्षी नेताओं को फंसाया जा रहा है, यही है मोदी और भाजपा का असली चेहरा, चरित्र, चाल और चिंतन, हमलोग आपातकाल को हराया और इस आपातकाल से भी लड़ेंगे, उन्होंने आगे कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) 2019, राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरण (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजीयन (एनआरसी) के खिलाफ संवैधानिक अधिकारों और तरीकों से देश भर में अपना विरोध दर्ज करने वाले प्रदर्शनकारियों व उनके समर्थकों का सरकार उत्पीड़़न कर रही है,
यह परेशान करने वाली बात है कि एक ऐसा सिद्धांत रचा जा रहा है जिसमें प्रदर्शनकारियों को ही हिंसा का स्रोत बताया जा रहा है.
सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल युवाओं और सामाजिक चिंतकों-कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्रोपगैंडा फैलाने में केंद्र की भाजपा सरकार लगी हुई है, केंद्र सरकार भारत के मुसलमानों के साथ साथ अपनी अधिकारों को लेकर शांति पूर्वक आवाज उठाने वालों को निशाना बना रही है, इस मामले से यह साबित हो गया है कि दिल्ली दंगों में पुलिस ने निर्दोषों को फंसाया है, जिला सचिव सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार की सभी असंवैधानिक नीतियों और कदमों का विरोध जारी रखेगा और झूठे मुकदमों के खिलाफ तीखा संघर्ष किया जाएगा, प्रदर्शन और पुतला दहन में ललन राम, साजीद खान, असरफ टेलर, समीर राईन, फिरोज मियां, संजीत नायक, मुनीलाल उरांव समेत दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे.