अपने डायलॉग और सेंस ऑफ ह्रयूमर के लिये मशहूर अपने जमाने के सुपहरहिट अभिनेता राजकुमार की आज यानी 8 अक्टूबर को उनकी 89वीं बर्थ एनिवर्सरी है. और इस मौके पर हम बात करेंगे उनकी जिंदगी से जुड़ी वो दिलचस्प बातें जो आज भी उनके दोस्तों को नहीं भूलती.अभिनेता राजकुमार की आज 89वी बर्थ एनिवर्सरी है. 8 अक्टूबर, 1926 को पाकिस्तान के लोरालाई में जन्मे राजकुमार की गिनती अपने समय के दिग्गज अभिनेताओं में होती है.
उनकी एक्टिंग और डायलॉग डिलिवरी जितनी रोचक होती थी, उतनी ही इंटरेस्टिंग उनकी जिंदगी के किस्से भी हैं. रील लाइफ से हटकर, असल जिंदगी में भी वो अपनी बेबाकी के लिए मशहूर थे. कहते है कि डायलॉग पसंद न आने पर वह कैमरे के सामने ही उसे बदल देते थे.
राजकुमार की बेबाक जुबान का शिकार बिग बी जैसे एक्टर भी हो चुके हैं. हुआय यूं कि एक पार्टी में जब राजकुमार मेगास्टार अमिताभ बच्चन से मिले, तो उन्होंने उनके विदेशी सूट की तारीफ की. तब अमिताभ ने खुश होकर उन्हें उस जगह का पता बताना चाहा, जहां से उन्होंने वह सूट खरीदा था. इससे पहले कि बिग बी कुछ बोलते राजकुमार फिर बोल पड़े, “दरअसल, मुझे कुछ पर्दे सिलवाने थे.” यह बात सुनकर बिग बी मुस्कुराए बिना नहीं रह सके.बॉलीवुड में एक किस्सा बेहद मशहूर है कि राजकुमार किसी साथी कलाकार को उसके सही नाम से नहीं बुलाते थे. इसके चलते कई एक्टर्स का उनसे मनमुटाव भी रहता था, लेकिन जैसे ही उनकी असलियत का पता चलता था, वे उनके दीवाने हो जाते थे. राजकुमार धर्मेन्द्र को जितेन्द्र और जितेन्द्र को धर्मेन्द्र नाम से संबोधित करते थे. इस पर धर्मेन्द्र को एक बार जबरदस्त गुस्सा आ गया. तब राजकुमार का जवाब था, ”राजेन्द्र हो या धर्मेन्द्र या जितेन्द्र या बंदर क्या फर्क पड़ता है, जानी राजकुमार के लिए सब बराबर हैं.”
यह वह दौर था, जब जीनत अमान फिल्म इंडस्ट्री में फेमस हो गई थी. देव आनंद स्टारर फिल्म ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ का ‘दम मारो दम’ गाना धूम मचा चुका था और जीनत की पॉपुलैरिटी रातों-रात बुलंदियों पर पहुंच गई थी. इसी दौर में एक पार्टी में जीनत की मुलाकात राजकुमार से हुई. उन्हें लगा कि तारीफ के दो-चार शब्द राजकुमार जैसे कलाकार से सुनने को मिलेंगे, लेकिन हुआ बिल्कुल उल्टा. राजकुमार ने जीनत को देखा और कहा- “तुम इतनी सुंदर हो, फिल्मों में कोशिश क्यों नहीं करती?” अब ये बात सुनकर जीनत का क्या हाल हुआ होगा, आप खुद ही समझ सकते हैं.बप्पी लाहिड़ी का नाम सुनते ही जेहन में गहनों से लदे हुए एक भारी-भरकम शख्स का चेहरा आता है. एक पार्टी में उनकी मुलाकात राजकुमार से हुई. अपनी आदत के मुताबिक, बप्पी ढेर सारे सोने से लदे हुए थे.
राजकुमार ने उन्हें ऊपर से नीचे तक देखा और फिर अपने ही अंदाज में कहा, ”वाह, शानदार! एक से एक गहने पहने हो, सिर्फ मंगलसूत्र की कमी रह गई है, वो भी पहन लेते।” यह सुनना था कि बप्पी दा का मुंह खुला का खुला ही रह गया.ऐसे कई किस्से हैं जो इस बात की ओर इशारा करते हैं कि राजकुमार कितने साफ दिल और मुंहफट किस्म के इंसान थे. उनके पास एक प्रोड्यूसर आया, जो उन्हें अपनी फिल्म में साइन करना चाहता था लेकिन पैसे कम दे रहा था। राजकुमार ने पूछा, “कितने पैसे दोगे?” प्रोड्यूसर ने कुछ पैसे बोले तो उन्होंने कहा, “इतने पैसे में तो उस गोरखे को ले जाओ!” बताया जाता है कि राजकुमार का इशारा डैनी डेन्जोंगपा की ओर था.
प्रकाश मेहरा फिल्म ‘जंजीर’ में राजकुमार को लेना चाहते थे, लेकिन उन्होंने ऑफर ठुकरा दिया. राजकुमार ने इसकी दो वजहें बताईं। पहली, उन्हें प्रकाश मेहरा की सूरत अच्छी नहीं लगी और दूसरी उन्होंने कहा, ‘’तुम्हारे पास से बिजनौरी तेल की ऐसी बदबू आ रही है, हम फिल्म तो दूर तुम्हारे साथ एक मिनट और खड़ा रहना बर्दाश्त नहीं कर सकते.”राजकुमार को लेकर बॉलीवुड में जितने किस्से कहे जाते हैं, शायद ही इतने किसी और स्टार को लेकर कहे गए हों.
राजकुमार असल जिंदगी में भी राजकुमारों की तरह ही पेश आते थे. कहते हैं कि फिल्म ‘नीलकमल’ के पहले शॉट में ही राजकुमार अड़ गए कि वे नकली गहने पहनकर काम नहीं करेंगे. ऐसे में प्रोड्यूसर्स ने आनन-फानन में कहीं से किलो भर वजनी असली जेवर मंगाए गए और तभी राजकुमार शॉट के लिए तैयार हुए. उनका एक किस्सा और बताता हूं. वह अपने नाम की स्पेलिंग में आर के बाद डबल ए लिखते थे. एक फिल्म रिलीज पर थी, पर उसके बैनर में राजसाहब के नाम में डबल ए लगाना भूल गए. उन्होंने कहीं पढ़ लिया और अपने रौबीले अंदाज में प्रोड्यूसर को फोन करके कहा- ‘ज़ानी…, तुमको मालूम नहीं, हमारे नाम की स्पेलिंग में RAJKUMAR नहीं बल्कि RAAJKUMAR लिखा जाता है, अभी इसी समय बैनर चेंज करो।’
अपने नाम की ही तरह उन्होंने हमेशा राजकुमार जैसी जिंदगी जी.परदे पर राजकुमार की इमेज भले ही एक रफ़ एंड टफ अभिनेता की रही हो. लेकिन, असल ज़िंदगी में राजकुमार सच्चे प्रेमी थे. क्या आप जानते हैं, एक हवाई यात्रा के दौरान एक एयरहोस्टेस पर उनका दिल आ गया. उन्होंने उस एंग्लो इंडियन लड़की जेनिफ़र से शादी कर ली. जेनिफ़र राजकुमार से शादी के बाद गायत्री राजकुमार कहलायीं. जिनसे राजकुमार को तीन संतानें हुईं-पुरु राजकुमार, वास्तविकता पंडित और पाणिनि राजकुमार.
राजकुमार और गोविंदा एक फ़िल्म की शूटिंग कर रहे थे. राजकुमार को गोविंदा की शर्ट बहुत अच्छी लगी उन्होंने गोविंदा से कहा यार तुम्हारी शर्ट बहुत शानदार है. गोविंदा इतने बड़े आर्टिस्ट की यह बात सुनकर बहुत खुश हो गए. उन्होंने कहा कि सर आपको यह शर्ट पसंद आ रही है तो आप रख लीजिए. राजकुमार ने गोविंदा से शर्ट ले ली. गोविंदा खुश हुए कि राजकुमार उनकी शर्ट पहनेंगे. दो दिन बाद गोविंदा ने देखा कि राजकुमार ने उस शर्ट का एक रुमाल बनवाकर अपनी जेब में रखा हुआ है.
1968 में फिल्म ‘आंखें’ आई थी. डायरेक्टर थे रामानंद सागर और हीरो थे धर्मेंद. लेकिन किस्सा राजकुमार से जुड़ा है. डायरेक्टर राजकुमार को फिल्म में लेना चाहते थे. डायरेक्टर उनके घर पहुंचे और फिल्म की कहानी सुनाई. राजकुमार ने अपने पालतू कुत्ते को आवाज लगाई और उससे पूछने लगे कि क्या वो फिल्म में काम करेगा? कुत्ते के कुछ न कहने पर राजकुमार ने रामानंद सागर से कहा, “देखा! ये रोल तो मेरा कुत्ता भी नहीं करना चाहेगा.”
रामानंद सागर वहां से चले गए और फिर दोनों ने कभी साथ नहीं काम किया.