Ranchi: एडवा की झारखंड राज्य इकाई ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राज्य मे कई जगहों पर विशेष कर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के बीच अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन कर महिलाओं को उनके अधिकारों से अवगत कराते हुए उन्हें यह अधिकार प्रदान करने वाले भारत के संविधान को बचाने का संकल्प लिया गया. इस मौके पर रांची के सीटू कार्यालय में श्रमजीवी महिलाओं की एक बैठक आयोजित की गई.
इस बैठक में वक्ताओं ने कहा कि उन्होनें जो कुछ भी हासिल किया है आज वह खतरे मे है या भारत सहित दुनिया के कई हिस्सों में वापस लिया जा रहा है. महिलाओं के खिलाफ हिंसा ने सभी दायरों और सीमाओं को पार कर लिया है. महिलाओं का अवैतनिक श्रम सबसे अधिक है और उनके काम की सहभागिता दर अभी सबसे कम है.अब महिलाओं के काम की भागीदारी जहां 2004 में 41.6.प्रतिशत थी जो 2018 मे घटकर 22 प्रतिशत रह गयी है संयुक्त राष्ट्र संघ के एक उच्च स्तरीय टीम द्वारा यह अनुमान लगाया गया है कि भारत में महिलाओं द्वारा किये गए 51 प्रतिशत से अधिक काम अवैतनिक है और उन्हें राष्ट्रीय आंकड़ों में गिना भी नही जाता है हमारे देश में नीति बनाने और फैसले लेने वाले निकायों में महिलाओं की भागीदारी सबसे कम है संसद में केवल 14 प्रतिशत महिलाएं हैं. देश की आधी आबादी को अब अपने अधिकारों के लिए और मुखर होना होगा.
इन कार्यक्रमों में रंगोवती देवी बीणा लिंडा रेणू प्रकाश जया बोस समेत बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया.