नई दिल्ली: प्रशांत भूषण के खिलाफ एक सेवानिवृत जवान जयदेव जोशी ने हिंदू धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने से संबंधित एक केस गुजरात में दायर कराया था.
प्रशांत भूषण ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआऱ को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
प्रशांत भूषण पर आरोप लगाया है कि 28 मार्च को अपने ट्वीट में उन्होंने अफीम शब्द को रामायण और महाभारत के साथ जोड़ा जिससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं.
प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है. अदालत ने फिलहाल उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.
प्रशांत भूषण ने अपने एक ट्वीट में कहा था कि ‘
जबरन लॉकडाउन किये जाने की वजह से करोड़ों लोग भूखे सैकड़ों मील पैदल चलने को मजबूर हैं. हमारे मंत्री सेलिब्रेट कर रही हैं और जनता को रामायण, महाभारत का अफीम दे रहे हैं.’
प्रशांत भूषण के इसी ट्वीट को लेकर FIR दर्ज कराई गई थी. इस मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस अशोक भूषण और संजीव खन्ना की बेंच ने कहा कि प्रशांत भूषण की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील दुष्यंत दुबे से कहा कि
‘टेलीविजन पर कोई भी कुछ भी देख सकता है…आप कैसे कह सकते हैं कि लोग ये ना देखें वो देखें?
आप लोगों को टीवी देखने से कैसे रोक सकते हैं? इसपर दवे की तरफ से कहा गया कि
‘हम इस मुद्दे पर नहीं हैं कि लोग क्या देख रहे हैं हम एफआईआर के कंटेंट पर बात कर रहे हैं’
बेंच ने इसपर गुजरात पुलिस को निर्देश दिया है कि इस मामले में अगले आदेश आने तक वो प्रशांत भूषण पर बलपूर्वक कोई भी एक्शन ना लें. न्यायालय ने गुजरात पुलिस ने 2 हफ्ते में जवाब भी मांगा है.
लॉकडाउन के दौरान दूरदर्शन पर ‘रामायण’ और ‘महाभारत’ का फिर से प्रसारण किया जा रहा है. शिकायतकर्ता ने प्रशांत भूषण पर आरोप लगाया है कि 28 मार्च को अपने ट्वीट में उन्होंने अफीम शब्द को रामायण और महाभारत के साथ जोड़ा जिससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं.
आपको बता दें कि यह एफआईआऱ राजकोट शहर के भक्तिनगर थाने में दर्ज कराई गई थी। बाद में इसकी जांच Special Operating Group को ट्रांसफर कर दी गई थी.