भोपाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि पहले जैसे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) दी जाती थी, वैसे ही दी जाती रहेगी. एमएसपी न बंद होगी, न खत्म होगी. पीएम मोदी का बयान तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन के बीच आया है.
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नए कृषि कानून रातों-रात नहीं आये हैं, बल्कि अलग-अलग दल, विशेषज्ञ और प्रगतिशील किसान लंबे समय से सुधारों की मांग कर रहे थे. भोपाल में किसान सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए उन्होंने ये बातें कही.
पीएम मोदी ने कहा, ”मैं किसानों को भरोसा दिलाता हूं कि एमएसपी को खत्म नहीं किया जाएगा, यह जारी रहेगी, विपक्ष इस बारे में झूठ बोल रहा है.” उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें कृषि सुधारों से नहीं बल्कि ‘मोदी से दिक्कत’ है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्षी दलों ने स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट वर्षों तक दबाए रखी; लेकिन हमने इसे किसानों के हित में इसे लागू किया. उन्होंने कहा कि अपने-अपने घोषणापत्रों में कृषि सुधारों के बारे में बात करने वाले राजनीतिक दलों से लोगों को जवाब मांगना चाहिए. उन्होंने विपक्षी दलों को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ”कृषि सुधारों का श्रेय आप लेना चाहते हैं तो लें लेकिन किसानों को भ्रमित नहीं करें.”
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये इस बात का सबूत है कि हमारी सरकार एमएसपी समय-समय पर बढ़ाने को कितनी तवज्जो देती है, कितनी गंभीरता से लेती है. एमएसपी बढ़ाने के साथ ही सरकार का जोर इस बात पर भी रहा है कि ज्यादा से ज्यादा अनाज की खरीदारी एमएसपी पर की जाए. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने अपने पांच साल में 56 लाख मिट्रिक टन से ज्यादा एमएसपी पर खरीदा है.
पीएम मोदी ने कहा कि पिछली सरकार के पांच साल में किसानों को धान और गेहूं की एमएसपी पर खरीद के बदले 3 लाख 74 हजार करोड़ रुपए ही मिले थे. हमारी सरकार ने इतने ही साल में गेहूं और धान की खरीद करके किसानों को 8 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा दिए हैं.