दिल्ली: संसद का मानसून सत्र जारी है. इस दौरान संसद में कृषि बिल को लेकर हंगामा जारी है. इसी बीच आज बुधवार को विपक्ष दलों का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे. कृषि बिल को लागू ना करने का आग्रह करेंगे और वापस राज्यसभा में भेजने के लिए अपील करेंगे.
कृषि बिल को वापस संसद भेजने को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से विपक्ष दल मिलेगा. वहीं दूसरी तरफ विपक्ष ने राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार की चेतावनी दी है. कांग्रेस पार्टी ने कहा कि वो कृषि बिल और निलंबित सांसदों को लेकर सदन का बहिष्कार करेंगी. साथ ही अन्य विपक्षी दलों की भी बहिष्कार के लिए कहेगी.
जानकारी के मुलताबिक, कांग्रेस, एनसीपी, डीएमके, एसपी, तृणमूल कांग्रेस, वामपंथी दलों और राजद समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में मामले में उनका हस्तक्षेप करने और उनसे विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं करने के लिए कहा है.
बता दें कि अगर राष्ट्रपति द्वारा सहमति देने के बाद ही विधेयक कानून बनेगा. इससे पहले विपक्ष राष्ट्रपति से मिलकर इस कानून का विरोध करेगा. सरकार द्वारा कृषि में सबसे बड़े सुधार के लिए दो प्रमुख कृषि बिलों और निलंबित सांसदों को वापस सदन की कार्यवाही में आने के लिए विपक्षी सांसदों का विरोध प्रदर्शन संसद में जारी है.
उपसभापति हरिवंश ने आरोप लगाया था कि राज्यसभा में कार्यवाही के दौरान कुछ सांसदों ने नियम पुस्तिका को फाड़ दिया और आधिकारिक पत्रों को फाड़ दिया. माइक्रोफोन से छेड़छाड़ की गई थी. राज्यसभा में रविवार को जिस तरह से बिलों को पारित किया. उससे लगता है कि सत्तारूढ़ भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या के रूप में किया है.