संजय लीला भंसाली ने अब अपने नए प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया है. उनकी अगली फिल्म का नाम ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ है. फिल्म का पोस्टर रिलीज हो गया है. इस फिल्म में आलिया भट्ट मुख्य भूमिका निभाएंगी. फिल्म से आलिया भट्ट का पहला लुक रिलीज कर दिया गया है. साथ ही फिल्म की रिलीज डेट भी आ गई है.
यह फिल्म 11 सितंबर 2020 को रिलीज होगी. एक पोस्टर में आलिया दो चोटी बांधे नजर आ रही हैं. वहीं दूसरा पोस्टर ब्लैक एंड व्हाइट है. इसमें आलिया मोटा काजल, नाक में नथ और लाल बिंदी लगाए खूबसूरत दिख रही हैं. आलिया और भंसाली पहली बार साथ काम कर रहे हैं .
फिल्म से जुड़ी जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार ,इस फिल्म के लिए आलिया काठियावाड़ी सीख रही हैं, जिसके लिए कुछ गुजराती थियेटर कलाकार उनकी मदद कर रहे हैं. वह गुजराती रहन-सहन और बोलचाल में ढलने की भी कोशिश कर रही हैं. इस फिल्म में ज्यादातर गाने सिर्फ बैकग्राउंड में ही सुनाई देने वाले हैं इसके साथ ही फिल्म में कुछ कुछ लोकगीत का इस्तेमाल भी देखने को मिल सकता है. इसके साथ ही फिल्म में आलिया के किरदार के डायलॉग अलग से डब नहीं होंगे. शूट के दौरान सेट पर ही जो डायलॉग रिकॉर्ड किए जाएंगे वही फिल्म में सुनाई पड़ेंगे. गौरतलब है कि यह फिल्म हुसैन जैदी की किताब ‘माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई’ पर आधिरत है.
जानतें हैं कौन हैं गंगूबाई काठियावाड़ी. लेखक एस हुसैन जैदी की किताब ‘माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई’ के मुताबिक, गंगूबाई गुजरात के कठियावाड़ की रहने वाली थीं, जिसके चलते उनको गंगूबाई कठियावाड़ी कहा जाता था. छोटी उम्र में ही गंगूबाई को वेश्यावृति के लिए मजबूर किया गया. वहीं बाद में कुख्यात अपराधी गंगूबाई के ग्राहक बने. गंगूबाई मुंबई के कमाठीपुरा इलाके में कोठा चलाती थीं. वहीं गंगूबाई ने सेक्सवर्कर और अनाथ बच्चों के लिए बहुत काम किया था.
गंगूबाई कठियावाड़ी का असली नाम गंगा हरजीवनदास काठियावाड़ी था. गंगूबाई बचपन में अभिनेत्री बनना चाहती थीं. करीब 16 साल की उम्र में उन्हें अपने पिता के अकाउंटेंट से प्यार हो गया और शादी करके वो मुंबई भाग कर आ गईं. बड़े-बड़े सपने देखने वालीं गंगूबाई ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनका पति ही उन्हें धोखा देकर महज पांच सौ रुपये में कोठे पर बेच देगा.
एस हुसैन जैदी की किताब ‘माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई’ में माफिया डॉन करीम लाला का भी जिक्र किया गया है. किताब के मुताबिक, करीब लाला के गैंग के एक सदस्य ने गंगूबाई के साथ बलात्कार किया था. जिसके बाद इंसाफ की मांग के लिए गंगूबाई करीम लाला से मिलीं और राखी बांधकर अपना भाई बना लिया. करीम लाला की बहन होने के चलते जल्दी ही कमाठीपुरा की कमान गंगूबाई के हाथ में आ गई. ऐसा कहा जाता है कि गंगूबाई किसी भी लड़की को उसकी बिना मर्जी के कोठे में नहीं रखती थीं.