दिल्ली: शरद पवार 10 वर्ष देश के कृषिमंत्री थे, फिर भी आज देश में किसान आंदोलन हो रहे हैं- से लेकर विपक्ष को एकजुट कर क्या आप उनका नेतृत्व करेंगे. क्या सोनिया गांधी और आपके बीच के मतभेद खत्म हो गए. क्या आपके सुझाव के कारण उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने, क्या अजित पवार को राकांपा के संचालन सूत्र सौंपेंगे, कांग्रेस का भविष्य क्या है..?
लोकमत समूह के एडिटोरियल बोर्ड के चेयरमैन विजय दर्डा के इन सीधे सवालों के जवाब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने उतने ही बेबाक अंदाज में दिए. उन्होंने कहा कि प्रतिभा पाटिल में मुख्यमंत्री पद संभालने की क्षमता थी, लेकिन कांग्रेस ने अलग फैसला किया.
साथ ही पवार ने कहा कि नरेंद्र मोदी विपक्षी सदस्यों से चर्चा नहीं करते और वे जो बताते हैं, वह पूरी तरह सच नहीं है. पवार के मुताबिक, बराक ओबामा को राहुल गांधी के बारे में नहीं बोलना चाहिए था, यह हमारे देश का आंतरिक मामला है. साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि मैं लोगों में भगवान देखता हूं.
शरद पवार ने कहा कि इस संबंध में मेरा दृष्टिकोण अलग है. राजनीति में या समाजसेवा में आने वाले व्यक्ति की कुछ परिकल्पनाएं होती हैं. यदि कल्पना और वास्तविकता में काफी अंतर हो, तो किसी को उस कल्पना की छाया में नहीं रहना चाहिए. उदाहरण के लिए मेरे बारे में कहा जाता है, लिखा जाता है कि मुझे राष्ट्रीय स्तर पर जाना चाहिए, कुछ होना चाहिए.
लेकिन दूसरी ओर देश की संसद में आप आठ और दस सदस्य लेकर बैठेंगे और मैं देश का नेतृत्व करने का रवैया अपनाऊंगा, यह समझदारी का लक्षण नहीं है. हमें यहां वास्तविकता प्रस्तुत करनी चाहिए. हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि हमारे पास ऐसा आंकड़ा नहीं है. सत्य और वास्तविकता को नजरंदाज कर राजनीति की गई, तो आप में निराशा आती है. और मैं निराशा की दिशा में कभी नहीं जाऊंगा.