झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नेताओं को राज्यसभा चुनाव में पूर्व में कई कड़वे अनुभव से गुजरना पड़ा रहा है. पर्याप्त संख्या बल रहने के बावजूद 2016 के चुनाव में झामुमो प्रत्याशी बसंत सोरेन चुनाव हार गये थे.
पिछले अनुभव को देखते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के सभी 29 विधायकों ने एकजुट होकर पार्टी प्रत्याशी शिबू सोरेन के पक्ष में मत करने का निर्णय लिया है.
हालांकि विधानसभा की मौजूदा संख्या के अनुसार एक उम्मीदवार की जीत के लिए 27 मत ही पर्याप्त होंगे, लेकिन इसके बावजूद झामुमो ने दो अतिरिक्त मतों को भी सहयोगी कांग्रेस प्रत्याशी देने की जगह शिबू सोरेन को ही वोट करने की रणनीति बनायी है,ताकि किसी भी तकनीकी कारण से एक-दो मत रद्द भी होते है, तब भी शिबू सोरेन की जीत सुनिश्चित हो सके. हालांकि रणनीति के तहत झामुमो के कुछ सदस्य द्वितीय वरीयता का मत कांग्रेस प्रत्याशी को दे सकते हैं.