रांची: झारखंड में नदियों- तालाबों में छठ महापर्व पर रोक लगाने के बाद चौतरफा विरोध शुरू हो गया है. राज्य भर में धरना- प्रदर्शन, पुतला दहन, बैठकों का दौर जारी है. छठ महापर्व को लेकर राज्य सरकार द्वारा जारी किये गये गाइडलाइन का विरोध का दायरा बढ़ता जा रहा है. रांची के मोरहाबादी मैदान में आज रांची महानगर छठ पूजा समिति के बैनर तले 42 छठ घाटों के प्रतिनिधियों ने सरकार के फैसले के खिलाफ धरना दिया.
छठ पूजा समितियों के समर्थन में भारतीय जनता पार्टी भी उतर आई है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि छठ व्रतियों को विभिन्न जलाशयों तक जाने से रोकना सरकार का निर्णय पूरी तरह से अव्यवहारिक है. उन्होंने कहा कि सरकार को किसी भी धर्म विशेष की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जाएगी.
सरकार के निर्णय का छठ पूजा समितियों ने कड़े शब्दों में विरोध दर्ज किया है समिति राजीव रंजन मिश्रा ने कहा कि राज्य सरकार इस निर्णय को अविलंब वापस ले अन्यथा लोग आदेश का उल्लंघन करने के लिए बाधित होंगे.
इधर, शहर से लेकर गांवों- कस्बों में छठ घाटों की साफ- सफाई, सजावट जारी है. इस बीच सरकारी आदेश के चलते लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है. छठ पूजा समितियां भी आदेश का खिलाफत कर रही है. मंगलवार की सुबह रांची -रामगढ़ एनएच पर जुमार नदी में लोगों ने खड़े होकर विरोध प्रदर्शन किया. इनमें महिलाएं भी शामिल थीं.
स्थानीय लोगों का कहना है छठ महापर्व पर सरकार के तुगलकी फरमान से आस्था पर चोट पहुंची है. सरकार इस फैसले को अविलंब वापस लें और जलाशयों में गाइडलाइन के साथ छठ करने की अनुमति दे. कोरोना महामारी के चलते ऐसे ही लोग जागरूक हैं.