रांची: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने राज्य सरकार को आड़े हाथों में लेते हुए कहा कि वह कोरोना संक्रमण काल में हर मोर्चे पर पूरे तरीके से विफल रही है. प्रतुल ने कहा की राज्य सरकार ने ट्विटर और वर्चुअल दुनिया पर सारे इंतजाम कर दिए लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल इतर है.
सरकार ने हिंदपीढ़ी की नाकेबंदी की थी और कहा था की परिंदा भी पर नहीं मार सकता. लगता है ये नाकेबंदी सिर्फ ट्विटर पर थी क्योंकि असलियत में हिंदपीढ़ी से निकलकर लोग लगातार प्रदेश के दूसरे जिलों में पहुंचते रहे. वर्चुअल दुनिया पर सरकार ने क्वॉरेंटाइन सेंटर ,शेल्टर होम, ट्रांजिट होम में सारी व्यवस्था कर दी जबकि हर दिन इन केंद्रों पर बदइंतज़ामी की खबरें आ रही हैं और लोग इन केंद्रों से भाग रहे हैं.
दूसरे राज्यों से आने वाले श्रमिकों के लिए भी राज्य सरकार ने ट्विटर पर रेलवे स्टेशन से लेकर हाइवे तक व्यवस्था कर दी थी. लेकिन जमीनी हकीकत इससे उलट है. श्रमिकों को स्टेशन पर घंटों बसों का इंतजार करना पड़ा है. बसों में भी सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करते हुए उन्हें ठूंस कर भेजा जा रहा है और भोजन पानी के लिए भी त्राहिमाम की स्थिति है.
हाईवे में भी चलने वाले श्रमिकों के लिए सरकार भोजन की मुकम्मल व्यवस्था नहीं कर पाई. ट्विटर पर सरकार ने राज्य में पैदल चलने वाले सारे श्रमिकों के लिए वाहनों की व्यवस्था कर दी जबकि असलियत में आज भी बड़ी संख्या में प्रवासी मज़दूर पैदल चल रहे हैं और भाजपा इन्हें राहत पहुंचाने में जुटी है.
प्रतुल ने कहा की राज्य सरकार के सारे कार्य ट्विटर और वर्चुअल दुनिया पर हो रहे हैं. जमीन पर लोगों की बदहाल स्थिति है. प्रतुल ने कहा कि झारखंड की ट्विटर सरकार को ग्राउंड जीरो पर कार्य करना चाहिए तब ही जनता को राहत मिलेगी.