रांची: प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि राज्य की जनता ने सोचा था कि भाजपा कम से कम विधायक का नेता अपनी पार्टी से तय करेगी, लेकिन आज यह पूरी तरह से साफ हो गया है कि भाजपा मानसिक रूप से बीमार हो गई है. दिल्ली और नागपुर के इशारे पर झारखंड बीजेपी के विधायकों ने मन मसोस कर बाबूलाल मरांडी को नेता चयन किया है. लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा-झाविमो में हुई सौदेबाजी की पहली सौगात बाबूलाल को दी गई है. दरअसल बाबूलाल को नेता चयन की पूरी स्क्रिप्ट दिल्ली में राजनीति के चाणक्य गृहमंत्री अमित शाह के रहनुमाई में लिखी गई थी, जिसे नाटक का रूप दिया गया और एक एक कर पर्दा उठाया गया. पहले ज्वाईनिंग कराई गई फिर नेता का चयन किया गया. भाजपा को अपने 25 विधायकों पर भरोसा नहीं रहा इसलिए बाहर से नेता थोपा गया है. अब देखना है कि क्या बाबूलाल जी भाजपा को कुछ सेक्यूलर कर पायेंगे.
प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने कहा कि चूंकि बाबूलाल दूसरे दल से चुनाव जीत कर आए हैं तो कानून और विधानसभा अध्यक्ष क्या फैसला करते हैं यह देखने वाली होगी. लेकिन प्रदेश कांग्रेस कमिटी यह उम्मीद करती है कि बाबूलाल हंगामा करके विधानसभा सत्र को नुकसान नहीं पहुंचायेंगे और जनता के सवालों पर सकारात्मक सोंच के साथ काम करेंगे.
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पिछले पांच वर्षों में भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार के जो आरोप बाबूलाल ने लगाये थे क्या आज भी उन सवालों को लेकर आगे भी वही रूख रहेगा या भ्रष्टाचार पर समझौता कर लेंगे.