रांची : आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा ने कहा कि झारखंड में प्राथमिक विद्यालय में प्राथमिक स्तर पर संथाल, हो एवं कुड़ुख की भाषाओं की पढ़ाई करने का राज्य सरकार ने ने निर्णय लिया है, इसका आदिवासी जन परिषद स्वागत करती है. परंतु मुंडा भाषा को दरकिनार कर पूरे भगवान बिरसा मुंडा के प्रतिनिधियों का अपमान करने का काम किया जा रहा हैँ. मुंडा, हो, संथाल अग्निय भाषा भाषी हैं और यह तीनों प्रोटोएस्ट्रिक ग्रुप में आते हैं.
इसलिए आदिवासी जन परिषद हेमंत सरकार से मांग करती है कि मुंडा भाषा को राज्य के प्राथमिक कक्षा में शामिल किया जाए क्योंकि मुंडा जनजाति के लोग भी आदिकाल से मुंडा भाषा बोलते आ रहे हैं. मुंडा समाज में भी बुद्धिजीवी और क्रांतिकारी पैदा हुए हैं जैसे भगवान बिरसा मुंडा, जयपाल सिंह मुंडा, रामदयाल मुंडा आदि. इनके सम्मान के लिए मुंडा भाषा को झारखंड के प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाई की शुरुआत किया जाना चाहिए.