शशिभूषणदूबे कंचनीय,
UP: लखनऊ के कौशांबी जहां एक ओर जिले के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक वैष्विक महामारी से लगातार लड़ते आ रहे हैं वही कुछ ऐसे भी लापरवाह कर्मचारी है जो अपने काम से पल्ला झाड़ रहें है. ऐसा ही एक मामला सराय अकिल सामुदायिक स्वाथकेन्द्र में देखने को मिला. परत्यक्षदर्शियों के अनुसार लक्ष्मी मिश्रा पुत्री शशिधर मिश्रा उम्र 13 वर्ष निवासी ग्राम बरई सामुदायिक स्वास्थ्यकेन्द्र सराय अकिल में बच्ची को इलाज के लिए लाया गया. जो बुखार से पीड़ित थी. डॉक्टर ने मरीज को अच्छे उपचार हेतु जिला अस्पताल के लिये रेफेर कर दिया.
मरीज को सरकारी एम्बुलेंस द्वारा जिला अस्पताल ले जाना था. मरीज को एम्बुलेंस में लिटा दिया गया. परन्तु एम्बुलेंस ड्राइवर ने कोरोना कहकर मरीज को ले जाने से इनकार करदिया. तपती धूप में मासूम बच्ची बुखार से तड़पती हुई पड़ी रही. लेकिन ड्राइवर ने किसी की नही मानी. यहां तक कि डॉक्टर ने कहा कि मरीज टाइफाईड से पीड़ित है. लेकिन ड्राईवर के मनमानी के आगे किसी की भी नही चली।.
अन्त में मरीज की माँ ने दूसरे एम्बुलेंस को फोन किया लगभग 1 घंटे बाद दूसरी एम्बुलेंस वहां पहुंची. दूसरे एम्बुलेंस के ड्राईवर को भी भड़काना शुरु करदिया . काफी देर बाद मरीज को जिला अस्पताल भेजा गया. इससे साफ है कि इस तरह के लोग कार्य मे बाधक बनते है. इन्हें दंड मिलना आवश्यक है.