हजारीबाग: कोरोना से जारी संग्राम में आजकल कोरोना वारियर्स की खूब चर्चा हो रही है और हो भी क्यों ना. खुद की जान जोखिम में डाल कर दूसरों की जान बचाने वाले ये वारियर्स बिलकुल तारीफ के काबिल हैं.
बेहद खतरनाक वायरस कोरोना से दुनियाभर में जंग लड़ी जा रही ताकि इंसानों को इसके संक्रमण से हर हाल में बचाया जा सके. चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों सफाई कर्मियों बैंक- डाक कर्मियों और पुलिस कर्मियों की तरह संक्रमित मरीज को उनके घर या क्वारन्टीन सेंटर से कोविड अस्पतालों तक पहुंचाने वाले एंबुलेंस 108 के चालक व तकनीशियन भी सामने के मोर्चे से कोरोना से टक्कर ले रहे हैं.
हजारीबाग में 108 एंबुलेंस को कोरोना संक्रमित मरीजों को आने ले जाने के लिए अधिकृत किया गया है. इसमें करीब 12 लोग 3 शिफ्टों में काम कर रहे हैं. एंबुलेंस 108 से जुड़े देव जीत कुमार बताते हैं कि उन्हें कोरोना से संक्रमण का भय तो है लेकिन वे काफी सुरक्षा के उपाय करते हुए सैनिटाइजर, पीपीई किट का उपयोग कर मरीजों को लाने का काम करते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना मरीज की सेवा के कारण उन्होंने पिछले 25 अप्रैल को होने वाली शादी भी स्थगित कर दी.
राजकुमार बताते हैं कि पिछले 21 मार्च से वे मरीजों की सेवा में लगे हैं. ऐसे में घर के पास में रहने के बावजूद वे नहीं जा पा रहे हैं. अपनी सुरक्षा एवं परिजनों की सुरक्षा को देखते हुए ऐसा करने के लिए वह बाध्य हैं. उन्होंने कहा कि वे फोन पर ही परिजनों से बात कर लेते हैं.
तकनीशियन प्रेम कुमार ने भी खुद को कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा में समर्पित कर दिया है और वे इस काम में खुश हैं. उन्होंने शादी की तुलना में कोरोना जंग को तरजीह दी है. कोरोना को हराना है यह नारा आज हमारे इन जांबाज़ योद्धाओं के कारण सफल होता दिख रहा है. अन्य कई राज्यों के मुकाबले झारखंड में कोरोना की चाल धीमी है और कोविड अस्पतालों से कोरोना को धूल चटाने वाले वीर लगातार स्वस्थ होकर निकल रहे हैं.