अमेरिका: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि वह कोविड-19 को लेकर चीन के खिलाफ बहुत गंभीर जांच कर रहे हैं. उन्होंने संकेत दिया कि उनका प्रशासन बीजिंग से 140 मिलियन अमेरीकी डॉलर के ज्यादा मुआवजा लेगा जो जर्मनी द्वारा कोरोना वायरस महामारी के कारण मांगा जा रहा है. अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी के नेताओं का मानना है कि यदि चीन ने पारदर्शिता बरती होती और वायरस के शुरुआती चरणों में इसकी जानकारी साझा की होती तो इतने सारे लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मौतों और वैश्विक अर्थव्यवस्था के विनाश से बचा जा सकता था. बहुत सारे देशों ने चीन से मुआवजा मांगना शुरू कर दिया है.
ट्रंप से सोमवार को रोज गार्डन प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जर्मनी को हुए नुकसान के लिए यूरो 130 बिलियन (140 बिलियन अमरीकी डॉलर) का बिल भेजने की योजना को लेकर पूछा गया कि क्या उनका प्रशासन भी ऐसा करेगा? इसपर राष्ट्रपति ने कहा कि खैर, हम इससे बहुत कुछ आसान कर सकते हैं. हमारे पास काम करने के बहुत आसान तरीके हैं.
उन्होंने कहा, ‘जर्मनी चीजों को देख रहा है और हम भी देख रहे हैं. जितना मुआवजा जर्मनी मांग रहा है हम उससे कहीं ज्यादा की मांग करेंगे. हमने अभी तक अंतिम राशि को लेकर फैसला नहीं लिया है लेकिन यह पर्याप्त होगी.’ अमेरिका के बाद वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित यूरोप हुआ है.
भारत में चूंकी बहुत जल्द आक्रामक निवारक उपाय अपनाए गए थे इसलिए मृतकों की संख्या 886 पर पहुंची है. वहीं संक्रमितों की संख्या 29 हजार से ऊपर चली गई है. ट्रंप ने कहा कि यदि आप दुनिया की तरफ देखेंगे तो पता चलेगा कि यह वैश्विक नुकसान है. इससे अमेरिका के साथ ही दुनिया को भी नुकसान हुआ है.
बता दें कि कोरोना वायरस का पहला मामला सबसे पहले चीन के वुहान में पिछले साल नवंबर में सामने आया था. इसके कारण दुनियाभर में अब तक दो लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है जबकि 30 लाख से ज्यादा संक्रमित हैं. अमेरिका में वायरस ने सबसे ज्यादा 56 हजार लोगों की जान ली है और दस लाख से ज्यादा संक्रमित हैं.