लंदन: मुताहिदा कौमी मूवमेंट के संस्थापक और नेता अल्ताफ हुसैन ने अमेरिका से गुजारिश की है कि पेंटागन सिंध, बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा और गिलगित बाल्टिस्तान के अल्पसंख्यकों के दुखों को समाप्त करने के लिए पाकिस्तान को नागरिक और सैन्य सहायता देना बंद कर दे.
अमेरिकी सरकार को लिखे पत्र में हुसैन ने कहा है कि पाकिस्तान ने सिंध, बलूचिस्तान, केपीके, गिलगित और बाल्टिस्तान क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है. इन इलाके के लोगों पर उसकी सेना का बर्बर और क्रूर दमन जारी है.
उन्होंने पत्र में लिखा है कि सिंध, बलूचिस्तान, केपीके और गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों के दुखों का अंत करने के लिए पाकिस्तान को नागरिक और सैन्य सहायता रोकने के लिए निर्णय लेने वालों से पूछने का समय आ गया है.
अमेरिकी में अफ्रीकी अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या पर चल रहे विरोध प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए हुसैन ने कहा है कि प्रशासन के अधिकारी लोगों के बीच सद्भाव को बढ़ावा देने और संयुक्त राज्य अमेरिका से नस्लवाद को खत्म करने के लिए पुलिस की ज्यादतियों में सुधार लाने के लिए सर्वश्रेष्ठ कोशिशें कर रहे हैं.
हुसैन ने लिखा है कि अमेरिका के 50 से अधिक शहरों में विरोध प्रदर्शनों, अराजकता और हिंसा अभूतपूर्व है. दुख, दर्द और पीड़ा की मुक्ति के लिए यह एक सबक है.
दुर्भाग्य है कि अमेरिकी प्रशासन के फैसले लेने वाले नीति निर्माता पाकिस्तान के लोगों की पीड़ा को समझने में लगातार विफल रहे हैं. काफी अर्से से पाकिस्तान के उस निरंकुश शासन को इस तथ्य की अनदेखी करते हुए समर्थन दिया जा रहा है जो दुनिया में सबसे अधिक नस्लवादी और क्रूर है. पाकिस्तानी सेना अल-कायदा, तालिबान, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे सैकड़ों अन्य जिहादी संगठनों की जन्मदाता है.
हुसैन ने पाकिस्तान की पोल खोलते हुए कहा है कि पाकिस्तान में हजारों धार्मिक कट्टरपंथी और आतंकी आईएसआई के कार्यों के लिए प्रशिक्षित किए जा रहे हैं. पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसियां दुनिया में लोगों का दमन करने के लिए कुख्यात हैं.
हुसैन ने कहा है कि इन सभी हकीकतों के बावजूद अमेरिकी सरकार, विश्व बैंक और आईएमएफ सहित तमाम अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान पाकिस्तान की आर्थिक मदद कर रहे हैं. उस पाकिस्तान की मदद, जिसे दुनिया में आतंकवाद के केंद्र यानी एपीसेंटर के तौर पर जाना जाता है.