जोधपुरः सीएए और एनआरसी के समर्थन में केन्द्रीय गृहमंत्री एवं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने जोधपुर में एक रैली को संबोधित किया. शाह ने कांग्रेस पर सीधा निशाना लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने वोट बैंक के लिए सीएए पर दुष्प्रचार किया, इसलिए बीजेपी को कानून के समर्थन में जनजागरण अभियान की शुरुआत करनी पड़ी.
वहीं राहुल गांधी पर हमला करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि अगर वह CAA पर चर्चा करना चाहते हैं तो कहीं भी आ जाएं और अगर इस कानून को नहीं पढ़ा है तो वह इटैलियन में अनुवाद कराकर भेज देंगे. गृह मंत्री ने कोटा के अस्पताल में बच्चों की मौत को लेकर भी कांग्रेस और सीएम गहलोत पर हमला बोला.
रैली में शाह ने लोगों से बीजेपी के द्वारा सीएए का समर्थन जताने के लिए जारी किए गए टोल-फ्री नंबर पर मिस्ट कॉल भी कराई. इसके बाद शाह ने कोटा के अस्पताल में बच्चों की मौत को लेकर भी कांग्रेस और सीएम गहलोत पर हमला बोला. साथ ही शाह ने कांग्रेस पर सावरकर के अपमान का आरोप भी लगाया.
कोटा मामले पर कांग्रेस और गलहोत को घेरा
‘गहलोत साहब, हमने तो आपके घोषणा पत्र से एक पॉइंट उठाकर उसपर अमल कर लिया, और आप उसका विरोध कर रहे हैं.
ये सब बाद में करिएगा, कोटा में जो बच्चे हर रोज मर रहे हैं उसकी चिंता कर लीजिए, माताओं की हाय लग रही है.’ यह कहकर शाह ने त्तत्कालिक मार्मिक मुल्ले पर सीएम गलहोत को जनता के कटघरे में खड़ा कर दिया.
सावरकर का अपमान निंदनीय
शाह ने रैली के दौरान कांग्रेस पर स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर के अपमान का आरोप लगाते हुए हमला बोला.
शाह ने कहा, ‘वीर सावरकर जैसे इस देश के महान सपूत और बलिदानी का भी कांग्रेस पार्टी विरोध कर रही है. कांग्रेसियों शर्म करो-शर्म करो.
वोट बैंक के लालच की भी हद होती है. वोट बैंक के लिए कांग्रेस ने वीर सावरकर जैसे महापुरुष का अपमान किया है.’
नागरिकता पर चर्चा के लिए विपक्ष को दी खुली चुनौती
विपक्ष को चुनौती देते हुए शाह ने कहा कि आज कांग्रेस, ममता दीदी, एसपी, बीएसपी, केजरीवाल और कम्युनिस्ट सारे लोग सीएए का विरोध कर रहे हैं.
मैं इन सारी पार्टियों को चुनौती देता हूं कि कहीं पर भी इस कानून पर चर्चा करने के लिए आ जाओ. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध, ईसाई लोग, जो धर्म के आधार पर प्रताड़ित होकर आए हैं.
उन्हें नागरिकता देने का कानून है. विपक्षी इसके खिलाफ एकजुट हो जाएं, लेकिन बीजेपी इस फैसले पर एक इंच भी पीछे नहीं हटेगी.
क्या नेहरू भी थे सांप्रदायिक?
शाह ने कहा, ‘शरणार्थियों पर जो प्रताड़ना हुई है, इससे बड़ा मानवाधिकार का उल्लंघन कभी नहीं हुआ. वहां ये शरणार्थी भाई करोड़पति थे और आज उनके पास रहने की जगह नहीं है.
हम इस कानून के द्वारा उन्हें राहत दे रहे हैं. जो शरणार्थी अत्याचार झेलकर भारत आए हैं, जिनकी संपत्ति, रोजगार छीन लिया गया.
जिसका परिवार छिन गया, और उनके लिए विपक्षी कहते हैं कि इन्हें नागरिकता नहीं दी जाए. उन देशों से जो शरणार्थी आए हैं वो भारत के ही हैं.’
उन्होंने कहा कि शरणार्थियों को अपनाने का वादा महात्मा गांधीजी का भी था, क्या वह सांप्रदायिक थे. जवाहरलाल नेहरू ने भी संसद में कहा था कि जो हिन्दू या सिख आए हैं , हम उन्हें नागरिकता देंगे, क्या वह सांप्रदायिक थे. सरदार पटेल, मौलाना आजाद, राजेंद्र प्रसाद जैसे लोगों ने भी यही बात कही थी.
मिस्ट कॉल कर मांगा समर्थन
रैली के दौरान अमित शाह ने लोगों से मोबाइल निकालकर बीजेपी के द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन जताने के लिए जारी किए गए टोल-फ्री नंबर 8866288662 पर मिस कॉल करने की भी अपील की.
उन्होंने कहा कि राहुल बाबा, ममता दीदी, केजरीवाल की टोली को जवाब देने के लिए अपने मोबाइल से 88662-88662 पर मिस्ट कॉल करके नरेन्द्र मोदी को नागरिकता संशोधन कानून के लिए अपना समर्थन दीजिए. शाह ने आगे कहा कि ये नरेन्द्र मोदी का शासन है.
किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है. बेशुमार अत्याचार के बाद जो यहां आए हैं, मोदी सरकार आप सभी को नागरिकता देकर भारतीय होने का गौरव प्रदान करने जा रही है.
लोगों को गुमराह कर रहा विपक्ष
शाह ने कहा कि विपक्ष के लोग देश को गुमराह कर रहे हैं कि इससे भारत के मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी.
लेकिन मैं आप सबको आश्वस्त करना चाहता हूं कि ये क़ानून नागरिकता देने का है. किसी की नागरिकता छीनने का नहीं.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी गुमराह कर रही है कि ये कानून धर्म के आधार पर भेदभाव करेगा। हमने किसी भी धर्म को बाकी नहीं रखा है, इन 3 देशों जो अल्पसंख्यक हैं.
चाहे वे हिन्दू हों, सिख हों, जैन, बौद्ध, पारसी या ईसाई हों इन सभी को हम नागरिकता दे रहे हैं.