नई दिल्लीः कोरोना वायरस ने दुनिया की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है. ऐसे चारों ओर कोहराम मचा हुआ है. भारत में भी कोरोना वायरस का असर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में सबसे ज्यादा नुकसान श्रमिकों को भुगतना पड़ा है. कोरोना के प्रभाव को देखते हुए शहर छोड़कर भागने को मजबूर हुए श्रमिक हजारों-हजारों किमी पैदल चलकर घर आए. श्रमिकों को दर्द को देखते हुए घर पहुंचाने के लिए बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन उनके लिए संकट की घड़ी में देवदूत बनकर आए हैं. मुंबई के महालक्ष्मी रेसकोर्स से प्रवासियों से भरी 10 बसों को प्रयागराज, लखनऊ, बस्ती, गोरखपुर के लिए रवाना किया गया.
हाजी अली दरगाह के व्यवस्थापक शेख मुहम्मद अहमद का कहना है कि प्रवासियों को उनके घर पहुंचाना पुण्य का काम है. जबसे लॉकडाउन हुआ है, तब से ही हाजी अली दरगाह ट्रस्ट, माहिम दरगाह ट्रस्ट और अमिताभ बच्चन मिलकर रोजाना 4500 लोगों को दो वक्त का खाना खिलाने का काम कर रहे हैं. मुंबई के कोलाबा इलाके से लेकर अंधेरी तक के इलाके में हम जरुरतमंदों को खाना पहुंचाते हैं.
उन्होंने बताया कि खाना खिलाने के दौरान ही हमें पता चला कि कई प्रवासी अपने घर जाना चाह रहे हैं. उस संबंध में हमने अमिताभ बच्चन के साथ मीटिंग की. उनके सहयोग से 10 बसों का इंतजाम किया गया. हमारी टीम ने मुंबई का सर्वे किया, जो लोग अपने घर नहीं पहुंच पा रहे थे, उनके दस्तावेज लिए गए. प्रशासन से इजाजत ली गई और उन्हें बसों से रवाना किया गया. उसके लिए उनसे कोई किराया नहीं लिया गया है. बसों में मेडिकल किट और खाने की व्यवस्था भी की गई. बसों की क्षमता के मुताबिक लगभग 236 लोगों को मुंबई से उत्तर प्रदेश के लिए रवाना किया गया है.