हिंदी फिल्मों के महानायक अमिताभ बच्चन ने कहा है कि सिनेमा लोगों को उनके मतभेद भुलाकर साथ लाने का एक बड़ा माध्यम है. यहां चल रहे 50वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में 77 वर्षीय अभिनेता को दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिसकी घोषणा सितंबर में की गई थी.
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन फिल्म महोत्सव के दौरान उन्होंने कहा, मैंने हमेशा महसूस किया है कि सिनेमा एक ऐसा सशक्त माध्यम है, जो भाषा और उन सब चीजों से परे है, जो हमारे सामाजिक और आधुनिक जीवन में आती रहती हैं. उन्होंने इसका उदाहरण देते हुए कहा कि जब हम अंधेरे सिनेमा हॉल में बैठते हैं, अपने बराबर में बैठे व्यक्ति से कभी नहीं पूछते कि वह किस जाति, धर्म और रंग का ह . फिर भी हम उस फिल्म, उसके गाने, हंसी-मजाक और जज्बात का एकसाथ लुत्फ उठाते हैं.
अभिनेता ने कहा कि इस तेज और अलग-थलग दुनिया में सिनेमा सहित केवल कुछ चीजें हैं, जो सामुदायिकता और शांति के विचारों को फैलाती हैं. हमें उम्मीद है कि हम फिल्में बनाते रहेंगे जो लोगों को जाति, मजहब या रंगों के आधार पर बांटे नहीं बल्कि जोड़े.
फिल्म महोत्सव 28 नवंबर तक चलेगा, जिसमें अमिताभ बच्चन की भी सुपर हिट फिल्में शोले, दीवार, पीकू, ब्लैक और बदला दिखाई जा रही है. उन्होंने कहा, इस फिल्म इंडस्ट्री में उन्हें 50 वर्ष हो गए ह. उन्होंने 1969 में अपना फिल्मी सफर शुरू किया था और फिल्म महोत्सव का यह 50वां आयोजन है. उन्होंने आयोजकों को इसे यादगार बनाने के लिए बधाई दी. बुधवार को हुए फिल्म महोत्सव के उद्घाटन समारोह में विशिष्ट अतिथि अमिताभ ने कहा था कि उनके लिए गोवा आना हमेशा एक शानदार अनुभव रहा है.