सुनील कुमार,
सरायकेला खरसावां: जिले के गम्हरिया प्रखंड में इन दिनों कचड़ों का अंबार बखूबी देखा जा सकता है. गम्हरिया की हर गलियां या यूं कहें की गम्हरिया के जितने भी चौक चौराहे हैं उन पर कचरे का अंबार देखने को मिल जाता है.
छठ का पर्व नजदीक है, 2 दिनों में छठ व्रती इन रास्तों से होकर गुजरेंगे. लेकिन रास्तों की हालत काफी खराब है.
नगर निगम के अधिकारियों से जब बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने अपना फोन उठाना भी लाज़मी नहीं समझा.
नगर निगम के महापौर से बहुत मुश्किल से बात भी हुई तो उन्होंने आज कल करके बात को टाल दिया. नगर निगम के जो अध्यक्ष व उपाध्यक्ष हैं, वह आदित्यपुर नगर निगम के करीब ही रहते हैं.
इसलिए आदित्यपुर के कुछ क्षेत्रों में साफ-सफाई की व्यवस्था कुछ हद तक ठीक है. गम्हरिया क्षेत्र के लोगो का कहना है कि नगर निगम के अधिकारी आदित्यपुर को छोड़कर कर गम्हरिया में आने की सोचते भी नहीं है और ना हीं गम्हरिया की साफ सफाई के बारे में हीं सोचते हैं.
गम्हरिया में रहने वाले लोगों से जब हमने बात की तो उन्होंने कहा कि हमने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव पूरे क्षेत्र के लिए किया था ना कि सिर्फ आदित्यपुर के लिए.
इस बार गम्हरिया क्षेत्र के लोगो ने मन बनाया है,की आने वाले चुनाव में हम गम्हरिया में रहने वाले अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव करेंगे. ताकि हमें भी इन बजबजाती हुई नालियों के दुर्गंध और टूटी-फूटी सड़कों से मुक्ती मिल सके.
बहरहाल 2 दिन बाद छठ पूजा है और साफ-सफाई की व्यवस्था बिल्कुल नदारत है. नगर निगम आदित्यपुर के जो आला अधिकारी हैं कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है.
नगर निगम के अध्यक्ष विनोद श्रीवास्तव से फोन पर बात हुई तो उन्होंने बस इतना कहा कि आदित्यपुर की अपेक्षा गम्हरिया की साफ-सफाई काफी ज्यादा हुई है. यह गम्हरिया वासियों को दिखाई नहीं देता है.
गम्हरिया की उन बजबजाती हुई नालियों औऱ सड़कों को देख कर आप यह अंदाजा लगा सकते हैं कि गम्हरिया में कितनी साफ-सफाई की व्यवस्था सुदृढ़ और दुरुस्त की गई है.
बता दें कि नगर निगम के जो आला अधिकारी हैं, महापौर विनोद श्रीवास्तव और उपमहापौर अमित सिंह उर्फ बॉबी सिंह वह बीजेपी के वरिष्ठ नेताओ में शुमार हैं.
प्रधानमंत्री की स्वच्छ भारत की कल्पना कितनी साकार होते दिख रही है, यह तो गम्हरिया क्षेत्र की स्वक्षता की तस्वीरें ही बयां कर रही है.