दीपक,
रांची: आम्रपाली सैफायर डेवलपर्स लिमिटेड की तरफ से रीथी स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड और रीथी इंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर किये गये पैसे को गलत करार दिया है. न्यायालय की खंडपीठ जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस उदय उमेश ललित ने रिट याचिका (सी) 940 / 2017 की सुनवाई में यह फैसला दिया है. 270 पृष्ठों के आदेश में रीथी स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड का भी जिक्र है. आदेश के पृष्ठ संख्या 154 से 160 में यह स्पष्ट कहा गया है कि कैसे एक क्रिकेटर की कंपनी को आम्रपाली समूह की तरफ से उपकृत किया गया. इसमें क्रिकेटर एक कंपनी आम्रपाली माही डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक भी बनाये गये. ये कंपनी के ब्रांड एंबेसेडर भी रहे. इनके जरिये ही पैसे का लेन-देन किया गया. यहां तक की रांची में कंपनी की ओर से बड़े प्रोजेक्ट लाने संबंधी द्विपक्षीय समझौता भी किया गया, जिसके दस्तावेज अदालत को नहीं प्रस्तुत किये गये.
जानकारी के अनुसार अदालत ने कहा है कि आम्रपाली समूह के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक अनिल कुमार शर्मा ने अपने समूह की तरफ से रीथी स्पोर्टस मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के साथ समझौता किया. इसके लिए कंपनी के निदेशक मंडल की तरफ से किसी तरह का रीजोल्यूशन (प्रस्ताव) तक नहीं लाया गया. अदालत ने पाया कि कंपनी के निदेशक मंडल ने फरजी और गलत इरादे से करोड़ों रुपये ट्रांसफर किये. यह राशि 2015-2018 तक इधर-उधर डायवर्ट किये गये. इस धोखाधड़ी की जांच फोरेंसिंक रिपोर्ट में भी प्रमाणित हुई है. इसमें पाया गया कि समूह की तरफ से बैंक से निकाली गयी राशि का उपयोग निदेशकों के व्यक्तिगत संपत्ति, बेनामी संपत्ति अर्जित करने और कंपनी के नजदीकी लोगों के लिए अकूत दौलत अर्जित करने में की गयी. यह सब डमी कंपनी बना कर, प्रोफेशनल फीस, बोगस बिल के जरिये डायवर्ट किया गया.
रीथी स्पोर्टस को दिये गये हैं 42.22 करोड़
अदालत ने अपने आब्जरवेशन में कहा है कि रीथी स्पोर्ट्स मैनेजमेंट को 42.22 करोड़ रुपये दिये. यह राशि 2009 से 2015 के बीच दी गयी. इसमें 6.52 करोड़ रुपये बगैर किसी दस्तावेज के दिये जाने की बातें भी कही गयी है. रीथी स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के प्रतिनिधि के रूप में संजय पांडेय और अन्य के नाम का भी जिक्र अदालत के फैसले में किया गया है.
आम्रपाली समूह द्वारा रीथी स्पोर्टस को फ्लैट देने की बातें भी
आम्रपाली समूह के द्वारा रीथी स्पोर्ट्स को एक फ्लैट टीसी-पी04 देने की बातें भी कही गयी है. सूत्रों के अनुसार इस फ्लैट की कीमत सात करोड़ से अधिक है. रीथी स्पोर्ट्स प्रबंधन की तरफ से इसे नकारा गया है. पर इस बाबत नो ड्यूज डेलीजेंस की बातें मानी गयी हैं. अदालत तक 11 मार्च 2019 तक दस्तावेज नहीं दिये गये. पर यह जरूर बताया गया की रीथी इंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड को भी एक्सपेंसेस की राशि दी गयी.