मुख्य बिंदु
- झारखण्ड के नौनिहालों को कुपोषण से मुक्त करना है
- 15 दिनों के अंदर पूरे राज्य में रिक्त आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका का पद भरें
- आकांक्षी जिलों के आंगनबाड़ी केंद्र को मॉडल केंद्र में परिवर्तित करें
- 15 दिन के अंदर गर्भवती महिलाओं का निबंधन होना चाहिए
रांची 26 जून : बच्चा देश, राज्य और परिवार का भविष्य होता है। अगर वही बच्चा कुपोषित होकर इस धरा पर आएगा तो, मानवता के लिए बड़ी शर्म की बात है।
राज्य में कुपोषण की दर 45% है। यह चिंता का विषय है। सभी समाज कल्याण पदाधिकारी और CDPO कुपोषण को कम करने की दिशा कार्य करें।
इस कार्य को मिशन मोड़ पर लें। कुपोषण से बचाव की जानकारी गरीब के घर- घर तक पहुंचाने का कार्य सुनिश्चित होना चाहिए।
आदिवासी क्षेत्र में विशेष फोकस करें। अपने अपने क्षेत्र में कुपोषण का वर्त्तमान दर प्राप्त कर अगले 3 माह का लक्ष्य निर्धारित कर कार्य करें। ताकि आपके लक्षित कार्य का परिणाम सामने आ सके।
जो पंचायत कुपोषण से मुक्त होगा उसे 1 लाख रुपये का ईनाम राज्य सरकार देगी। साथ ही जिला के समाज कल्याण पदाधिकारी और CDPO को भी पुरस्कृत किया जायेगा।
अगर कार्य संस्कृति में बदलाव हुआ तो बदलाव सुनिश्चित है। ये बातें मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने झारखण्ड मंत्रालय में महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की योजनाओं के सफल कार्यान्वयन हेतु आयोजित राज्य स्तरीय समीक्षात्मक बैठक में कही।
15 दिनों में गर्भवती बहनों का निबंधन करें
मुख्यमंत्री ने सभी जिला कल्याण पदाधिकारी और CDPO को निदेश दिया कि पूरे राज्य में रिक्त आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका को ग्राम सभा की अनुमति के बाद बहाल करें। ताकि आंगनबाड़ी आ रहे बच्चों को पौष्टिक आहार समय पर मिल सके।
यही 15 दिनों का समय गर्भवती महिलाओं के निबंधन के लिए आपको प्रदान किया जाता है, क्योंकि अगर गर्भवती महिलाओं का जब तक निबंधन नहीं होगा। तबतक उन्हें सरकार की योजना और गर्भावस्था और शिशु जन्म के बाद महिला को मिलने वाले पोषक आहार की जानकारी नहीं मिल पाएगी।
महिलाओं के समूह को दें कुपोषण से बचाव की जानकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि CDPO यह सुनिश्चित करें कि पोषण सखी सप्ताह में दो दिन गांव में महिलाओं के समूह को कुपोषण से बचाव की जानकारी दें।
उन्हें यह जानकारी होनी चाहिए कि गांव में उपलब्ध कौन सी खाने की चीज कुपोषण से उनका और उनके बच्चे का बचाव कर सकती है। सरकार बचावकारी और उपचारकारी मॉडल पर कार्य करते हुए झारखण्ड को कुपोषण से मुक्त करना चाहती है।
आकांक्षी जिलों में बनाएं मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी आकांक्षी जिलों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र को मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र में परिवर्तित करें।
इस निमित जिला के उपायुक्त को निदेश दे दिया गया है। बच्चों के इस संस्कार के मंदिर में बच्चों के भविष्य की नींव को मजबूती प्रदान करनी है। मुख्यमंत्री ने निदेश दिया कि राज्य के सभी समाज कल्याण पदाधिकारी और CDPO हर सप्ताह अपने प्रखंड और जिला स्थित आंगनबाड़ी केंद्र का दौरा करें। दौरा का प्रतिवेदन विभाग को भेजें।
विधवा बहनों को पेंशन और घर दिया जाएगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज कल्याण पदाधिकारी सभी विधवा बहनों को पेंशन देने की दिशा में तन्मयता से कार्य करें। जिला, प्रखंड और पंचायत स्तर में इन्हें चिन्हित कर योजना का लाभ दें। उन्हें अंबेडकर योजना के तहत आवास भी दिया जाएगा।