कोडरमा: झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका पोषण सखी संघ (सीटू) का द्वितीय जिला सम्मेलन साहु धर्मशाला झुमरीतिलैया मे संपन्न हुआ. सम्मेलन मे सर्वसम्मति से शोभा प्रसाद जिलाध्यक्ष, वर्षा रानी जिला सचिव व संतोषी देवी कोषाध्यक्ष चूनी गई. सम्मेलन मे सर्वप्रथम शोक प्रस्ताव पेश किया गया और एक मिनट का मौन रखकर विगत दिनों मृत साथियों को श्रंद्धाजलि अर्पित किया गया.
सम्मेलन की अध्यक्षता मीरा देवी, यशोदा देवी, चिंतामणि देवी, अर्चना देवी व शोभा प्रसाद ने किया. वहीं संचालन पूर्णिमा राय, वर्षा रानी, मंजू मेहता व सुनीता दास ने संयुक्त रूप से किया.
सम्मेलन का विधिवत उदघाटन करते हुए सीटू राज्य कमिटी सदस्य संजय पासवान ने निर्दयी रघुवर सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान करते हुए कहा कि राज्य सरकार महिला विरोधी है, जहां 18 हजार न्यूनतम मानदेय की मांग है, वहाँ सेविका का मानदेय 300 बढ़ाने का प्रस्ताव एक मजाक है यह सरकार मजदूर कर्मचारी विरोधी है, इसे सत्ता से बेदखल करना होगा.
सामाजिक कार्यकर्ता असीम सरकार ने कहा कि संघर्ष मे बल है, आंदोलन व संगठन को मजबूत कर लड़ाई को जितना होगा. हजारीबाग के सीटू नेता जगदीश चन्द्र बेदीया ने कहा कि लाल झंडा के नेतृत्व मे बदलाव के लिए लड़ना होगा. सम्मेलन मे निवर्तमान जिला सचिव पूर्णिमा राय ने पाँच साल के कार्यों का प्रतिवेदन रखी, जिस पर 16 प्रतिनिधियों ने बहस किया और महत्वपूर्ण सुझावों के बाद प्रतिवेदन पारित किया गया. वहीं कर्मचारी नेता दिनेश रविदास ने कहा कि जायज मांगो को लेकर संघर्ष जारी रहेगा.
सम्मेलन मे सर्वसम्मति से 41 सदस्यीय नई जिला कमिटी का चुनाव किया गया, जिसमे शोभा प्रसाद अध्यक्ष, वर्षा रानी सचिव, संतोषी देवी कोषाध्यक्ष, मीरा देवी, पूर्णिमा राय, मीना देवी, लीला कुमारी, चिंतामणि देवी (सभी उपाध्यक्ष), मंजू मेहता, सरस्वती देवी, उर्मिला देवी, आशा रवानी, सुनीता दास (सभी संयुक्त) सचिव चूनी गई. इसके अलावा यशोदा देवी, अनामिका, अम्बिका सहाय, विमला देवी, बेबी, अर्चना देवी, सरिता सिन्हा, कविता यादव, सुमैय ज़मीर, प्रभा, सुनीता देवी, सुमित्रा देवी, दीपा कुमारी, शबाना कौशर, बिनोदिनी, संध्या वर्णवाल, अनीता देवी, संध्या कुमारी, शशि, हीना खातुन, ज्योति सरगम, तारा देवी, कविता यादव, सुनीता पाण्डेय, रूबी कुमारी, निलम यादव, प्रभा देवी, ज्योत्सना, गीता देवी, प्रीति भारती, सोनी शर्मा, ज्योति, ललिता कुमारी, मुनि दास जिला कमिटी सदस्य चूनी गई. सम्मेलन को सफल बनाने मे महेन्द्र तुरी, परवेज़ आलम, शिवपुजन पासवान और डालेश्वर राम की भूमिका सराहनीय रही.