नई दिल्ली: देश में लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ाने के साथ ही सरकार ने गरीबों की राहत की योजना का भी ऐलान कर दिया. केंद्र सरकार ने अगले तीन महीनों तक 80 करोड़ गरीबों को हर महीने 5-5 किलो अनाज मुफ्त में देने का ऐलान किया है. स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में गृह मंत्रालय की प्रवक्ता पुण्य सलीला श्रीवास्तव ने कहा, ‘अनिवार्य वस्तुओं एवं सेवाओं की स्थिति नियंत्रण में है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत लगभग 80 करोड़ लोगों को अगले तीन महीनों तक उनकी पसंद के मुताबिक 5 किलो गेहूं या चावल प्रति माह मुफ्त दिए जाने का फैसला किया गया है.’
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मंत्रालय की प्रवक्ता ने बताया कि इसके लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अतिरिक्त अनाज जारी कर दिया गया है. 13 अप्रैल, 2020 तक 22 लाख टन से ज्यादा अन्न एफसीआई से निकल चुका है. साथ ही, गृह मंत्रालय का कंट्रोल रूम अनिवार्य वस्तुओं और सेवाओं की उपलब्धता की चौबीसों घंटे निगरानी कर रहा है. साथ ही हेल्पलाइन के जरिए जरूरतमंदों की मदद भी कर रहा है.
केंद्र सरकार ने मजदूरों की समस्याओं का खास ख्याल रखने की दिशा में भी बड़ा कदम उठाया है. गृह मंत्रालय की प्रवक्ता ने बताया, ‘श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने विशेष तौर पर मजदूरों की समस्याओं के निदान के लिए पूरे देश में 20 शिकायत केंद्र स्थापित किया है. ये केंद्र चीफ लेबर कमिश्नर की निगरानी में काम कर रहे हैं. हेल्पलाइन की विस्तृत जानकारी श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है.’
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प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि 26 मार्च को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1.78 लाख करोड़ रुपये के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज का ऐलान किया था. 13 अप्रैल तक 32 करोड़ लाभार्थियों को डीबीटी के जरिए 29,352 करोड़ रुपये की नगदी सहायता दी जा चुकी है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 5.29 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त अनाज दिया गया है.
वहीं, स्वास्थय मंत्रालय के प्रवक्ता लव अगरवान ने बताया कि बैंक खातों में आ रही सहयाता राशि निकालने के लिए बैंकों के आगे लग रही भीड़ पर सरकार का ध्यान है. इस समस्या को दूर करने के लिए स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं की मदद ली जा रही है. उन्होंने कहा,’फील्ड लेवल पर स्वयंसेवा सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं बैंक सखी की भूमिका निभाते हुए पीएम जनधन योजना, पीएम किसान योजना खातों और रोजगार गारंटी योजना के तहत जो पैसे खातों में आ रहे हैं, उसे लाभार्थियों को बैंक जाए बिना मिल जाए, इस काम में सहयोग किया है.’
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वहीं, ICMR की तरफ से बताया गया कि देश में कोरोना टेस्ट किट्स की कोई कमी नहीं है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल संस्था के प्रतिनिधि ने बताया, ‘हमारे पास इतने टेस्ट किट्स हैं जो अगले 6 हफ्ते तक चलेंगे. हमें RTPCR किट्स भी मिल चुके हैं. इसके अलावा, हम करीब RTPCR 33 लाख किट्स जबकि 37 लाख रैपिड टेस्टिंग किट्स मंगवाने के ऑर्डर दे दिए हैं.’
उन्होंने बताया कि 13 अप्रैल तक 2,31,902 सैंपल की जांच हो चुकी थी. सिर्फ 13 अप्रैल को 21,635 सैंपल की जांच हुई जिनमें 18,644 की जांच ICMR नेटवर्क के लैब में हुईं जबकि 2,991 सैंपल की जांच प्राइवेट लैब्स में हुई. अभी तक देशभर में 166 लैब्स ICMR नेटवर्क के अंतर्गत हैं जबकि 70 प्राइवेट लैब्स में कोरोना टेस्ट हो रहे हैं.
वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्त लव अगरवाल ने कहा कि अब तक 218 लाइफलाइन उड़ान फ्लाइट के जरिए करीब 377.5 टन अनिवार्य चिकित्सीय उपकरण पहुंचाए जा चुके हैं. इंडियन पोस्टल नेटवर्क ने इंडियन ड्रग मैन्युफैक्चरिंग असोसिएशन, हेल्थ सर्विसेज के डीजी और ऑनलाइन फार्मा कंपनियों के साथ टाइ अप करके अस्पतालों और मरीजों तक जरूरी दवाइयां पहुंचाई हैं.
उन्होंने कहा, ‘प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के ऑफिस से एक गाइडलाइन जारी की गई है जहां से घनी आबादी वाले इलाकों में कोविड-19 को फैलने से रोकने के उपाय बताए गए हैं. इनमें मुख्य रूप से कम्यूनिटी शेयरिंग टॉइलेट्स, नहाने-धोने आदि की सुविधाओं पर दिशानिर्देश दिए गए हैं.’
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अगरवाल ने कहा, ‘अब तक कोविड-19 बीमारी के 1,036 मरीज ठीक हो चुके हैं. 13 अप्रैल को एक ही दिन में 179 लोग ठीक हो गए. अब तक कुल 10,363 लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है. 13 अप्रैल को एक दिन में 1,211 लोग संक्रमित पाए गए. 13 अप्रैल से लेकर आज तक कुल 31 लोगों की कोविड-19 बीमारी से मौत हुई है. इन्हें मिलाकर 339 मौतें हो चुकी हैं.’