नई दिल्ली: दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन लंबे समय से जारी है. ऐसे में सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बैठक के बाद भी कोई हल नहीं निकल पाया है. अब किसान संगठनों ने नए कृषि कानूनों के विरोध में 18 फरवरी को देशभर में रेल रोको आंदोलन की घोषणा की है.
ऐसे में दिल्ली पुलिस भी सुरक्षा के इंतेजाम में लग गई है. दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने किसानों के विरोध के सिलसिले में आज दिल्ली की सीमाओं पर कानून-व्यवस्था की स्थिति और व्यवस्थाओं की समीक्षा की, और आगे की रणनीति पर बात किया.
किसानों द्वारा 18 फरवरी को देशभर में रेल रोको आंदोलन की घोषणा के बाद सरकार ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है. किसान अगर रेलवे की संपत्ति को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाते हैं तो सरकार उन पर कड़ी कार्रवाई कर सकती है. ट्रेन पर कोई सामान फेंकने या पटरी को नुकसान पहुंचाने की स्थिति में धारा 150 के अंतर्गत आजीवन कारावास का प्रावधान है.
वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत पहले ही आंदोलन को 2 अक्टूबर तक जारी रखने का ऐलान कर चुके हैं. उन्होंने सराकर को उनकी मांगो पर विचार करने के लिए 2 अक्टूबर तक का समय दिया है. ऐसे में प्रदर्शनस्थलों पर लंबे समय तक के लिए आंदोलन की तैयारी जोरो पर है.
सिंघू बॉर्डर पर लॉजिस्टिक्स से जुड़े दीप खत्री का कहना है कि आंदोलन को लंबे समय तक जारी रखने के लिए तमाम सुविधाओं को दुरुस्त करने का काम किया जा रहा है. मंच के पीछे एक कंट्रोल रूप तैयार किया जा रहा है. इतना ही नहीं प्रदर्शनस्थल पर सीसीटीवी के साथ डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर भी लगाए जा रहे हैं.
वहीं अब दिल्ली में गर्मी दस्तक दे रही है, ऐसे में किसानों की सुविधा के लिए पहले से ही गर्मी से जूझने की तैयारी की जा रही है. वाटर कूलर, प्लासिटिक शीट, मच्छरदानी, गर्मी के लिए स्पेशल टेंट की व्यवस्था का काम भी जारी है.
बताया जा रहा है कि गर्मी में सुविधाओं के लिए इस माह के अंत तक सभी सामान जुटा लिया जाएगा. वहीं किसानों की आवाज को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने और प्रशासन के कानों में डालने के लिए एलईडी स्क्रीनें भी लगाई जाएंगी.