नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की है. इस दौरान जनरल ने रक्षा मंत्री को पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) की स्थिति के बारे में जानकारी दी है. सेना प्रमुख दो दिनों के एलएसी दौरे के बाद गुरुवार को लद्दाख से लौटे हैं. माना जा रहा है कि जनरल नरवणे रक्षा मंत्री को एलएसी के हालातों के बारे में तो बताया ही साथ ही उन्होंने पीएलए के जवानों की तैनाती के साथ ही एलएसी पर उसके रुख पर भी उनसे चर्चा की है.
बेस हॉस्पिटल में की घायल जवानों से मुलाकात
जनरल नरवणे ने बुधवार को लेह स्थित बेस हॉस्पिटल जाकर उन जवानों का हालचाल पूछा था जो 15 जून को पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों के साथ हुई हिंसा में घायल हो गए थे. भारत और चीन के बीच पांच मई के बाद से ही पूर्वी लद्दाख में टकराव के हालात बने हुए हैं. 15 जून को यह टकराव उस समय हिंसक हो गया जब दोनों देशों के सैनिकों के बीच कई घंटों तक मारपीट हुई. इसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे. दो दिनों तक जनरल नरवणे ने पीएलए के साथ चार बिंदुओं पर जारी टकराव का जायजा लिया है. इसके अलावा उन्होंने एलएसी के 65 बिंदुओं पर गश्त को और बढ़ाने का आदेश दिया है. जनरल नरवणे ने लद्दाख दौरे पर सीनियर ऑफिसर्स को निर्देश दिए हैं कि इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) की मदद से सेना एलएसी पर गश्त को बढ़ाए. पिछले एक हफ्ते में आईटीबीपी की बटालियंस के साथ सेना की स्पेशल फोर्सेज एलएसी पर नजर रख रही हैं. आर्मी चीफ, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के साथ भी हालातों पर चर्चा करेंगे. इसके अलावा इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) चीफ और नेवी चीफ से भी उनकी मुलाकात होनी है.