रांची: झारखंड ऊर्जा विकास निगम के अधीन विभिन्न एजेंसियों में काम कर रहे दैनिक वेतन भोगी को कामगारों का 2017 से 2019 तक का एरियर भुगतान अभी तक नहीं हो पाया, जबकि इस संबंध में ऊर्जा निगम की ओर से अधिसूचना जारी किए हुए 3 महीने से ऊपर हो गए.
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अजय राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह करते हुए कहा है कि ऊर्जा निगम के अंदर 2017 से आउटसोर्सिंग की व्यवस्था लागू की गई, जिसके कारण निगम का लगभग 45 से 50 करोड़ रुपए ठेकेदारों को कमीशन के रूप में बांटी गई जिसका फायदा विभाग को दूर-दूर तक नहीं है, बल्कि इस व्यवस्था से पूरे विभाग में काम करने वाले कामगारों के हालात बद से बदतर हो गई है. इनके सामने खाने के लाले पड़े हुए हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग किया है कि हस्तक्षेप कर पूरे आउटर्सिंग व्यवस्था की जांच कराएं.
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उन्होंने कहा कि उर्जा निगम की ओर से सभी एरिया बोर्ड/ट्रांसमिशन जोन के महाप्रबंधक सह मुख्य अभियंता को नोटिफिकेशन जारी कर निर्देश दे दिया गया था, बावजूद अभी तक किसी एरिया बोर्ड में एरियर का भुगतान नहीं हो पाया. झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि झारखंड ऊर्जा विकास निगम के सभी एरिया बोर्ड/ट्रांसमिशन जोन में विभिन ठेकेदारों के अधीन दैनिक वेतन भोगी मजदूर (कुशल और अकुशल मजदूर) झारखंड के विभिन्न इलेक्ट्रिक सप्लाई एरिया बोर्ड और ट्रांसमिशन जोन में 2017 से काम करते आ रहे है ,विगत 2017 से अभी तक श्रम विभाग द्वारा तीन-चार बार न्यूनतम मजदूरी दर में संशोधन किया जा चुका है, मगर मजदूरों को बढ़े दर पर भुगतान नहीं किया गया है.
श्रम विभाग द्वारा न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि संबंधी आदेश 2017 में अकुशल मजदूरी का दर 237.44 रुपये था जो अब 299.71 रुपये हो गया, इसी तरह कुशल मजदूरी का दर 327.14 रुपये से बढ़कर 417.31 रुपये हो गया है.