जमशेदपुर: भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड सरकार पर बालू खनन माफियाओं से सांठगांठ का आरोप लगाया है. प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में बालू माफियाओं को फिर से सक्रिय करने के लिए सरकार द्वारा ज़मीन तैयार की जा रही है.
पिछली सरकारी व्यवस्था में जो नीति बनीं थी उसमें बालू की कालाबाजारी पर नकेल कसने के कई प्रावधान किए गए थे. छोटे बालू घाटों का अधिकार व्यक्तिगत उपयोग और पंचायतों को सुपुर्द किया गया था.
पूर्व विधायक ने कहा कि सिर्फ एक अंतरिम चिट्ठी निकालकर ट्रैक्टरों के माध्यम से ही बालू ढुलाई की बाध्यता जैसा अव्यवहारिक व अप्रासंगिक निर्णय को थोपना सीधे तौर पर बालू की कृत्रिम किल्लत उत्पन्न करवाकर इसके अवैध कारोबार को संजीवनी बूटी देने की सुनियोजित योजना का हिस्सा लगता है.
भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने चिंता ज़ाहिर करते हुए कहा कि ट्रैक्टर से उसकी सीमित क्षमता पर लंबी दूरी तक ढुलाई करवाने से बालू की कीमतें बढ़ेंगी जिससे यह काम व्यापारिक तौर पर अव्यावहारिक होगा और विकास के काम के लिए ज़रूरतमंदों की मुश्किल बढ़ेगी.
उन्होंने कहा कि इसमें चंद चुने हुए बालू माफियाओं को प्रशासनिक व सरकारी संरक्षण दिलवाकर वैध निबंधित लोगों को व्यापार से वंचित रखने की सरकारी मंशा साफ दिखती है.
भारतीय जनता पार्टी ने मांग किया कि राज्य सरकार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियमों का अवश्य पालन करे और साथ ही साथ स्टॉक से ट्रैक्टर के माध्यम से ही ढुलाई की इस बाध्यता को खत्म करे व बालू के ढुलाई के लिए निबंधित किसी भी वाहन को बालू ढोने की स्वाधीनता दे.