रांचीः मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि झारखंड में कोरोना पॉजिटिव के दो केस मिलने के साथ हम महामारी के दूसरे स्टेज में पहुंच गए हैं.
उन्होंने कहा कि यह क्राइसिस टाइम है. इसमें कैजुअल एप्रोच किसी हाल में नहीं चलेगा. हमारा समेकित प्रयास यह होना चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को ट्रैक, अइसोलेट और टेस्ट कराकर महामारी को दूसरे स्टेज से आगे नहीं बढ़ने दें.
लेकिन, हमें तैयारी तीसरे स्टेज की भी रखनी है, ताकि समस्या आने पर किसी तरह की अफरा-तफरी की स्थिति नहीं रहे.
इसके लिए हर उपायुक्त एक ब्लू प्रिंट बना लें. हर जिले में 10 से 20 सर्वे टीम का गठन ससमय कर लिया जाए. इसमें वॉलेंटियर और एनजीओ को भी जोड़ें. सर्वे टीम के गठन के साथ उसकी मॉक ड्रिल भी कर लें, ताकि कोरोना संक्रमित व्यक्ति के मिलते ही उस इलाके के तीन किमी. रेडियस के दायरे में यथाशीघ्र स्क्रीनिंग हो सके.
साथ ही निर्देश दिया कि विभिन्न धार्मिक स्थानों पर बाहर के लोगों का लगातार अनुश्रवण करें. इस कार्य में उस धर्म व समुदाय विशेष के लोगों को भी शामिल करें.
मुख्य सचिव झारखंड मंत्रालय में आला अधिकारियों के साथ सभी उपायुक्तों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुखातिब थे. वहीं एक अन्य बैठक में कोरोना को लेकर गठित विभिन्न कमेटियों के सदस्यों से भी विचार-विमर्श किया और निर्देश दिए.
समाज के कमजोर तबके का रखें विशेष ध्यान
मुख्य सचिव ने समाज के कमजोर तबके का विशेष ध्यान रखने पर बल देते हुए कहा कि उन तक जीवन यापन के जरूरी सामान और स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने को उपायुक्त प्राथमिकता दें
शहरी क्षेत्र में चल रहे दाल-भात केंद्रों को ज्यादा से ज्यादा लाभप्रद बनाने के लिए उसका प्रचार प्रसार भी करें.
गांवों के गरीब और आदिम जनजाति समुदायों तक भी सुविधा पहुंचाने को प्राथमिकता दें. इसके लिए गांवों तक अपने संपर्क सूत्र को फैलाएं. अधिकारी ज्यादा से ज्यादा फील्ड में जाएं.
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान भी सरकार की चल रही जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देते रहना है. वहीं स्पेशल पैकेज का लाभ भी चिह्नित लाभार्थियों तक पहुंचाते रहना है.
क्वारंटीन लोगों को दें मूलभूत सुविधा
मुख्य सचिव ने सरकार के द्वारा विभिन्न स्थानों पर क्वारंटीन किए गए लोगों को मूलभूत सुविधा देने का निर्देश दिया है.
उन्होंने कहा कि क्वारंटीन लोग उबे नहीं, इसके लिए क्वारंटीन सेंटर के किसी हॉल में टीवी की सुविधा भी दें, लेकिन सोशल डिसटेंसिंग का पूरा ख्याल रखें.
उन्होंने वहां समाचारपत्र भी देने का निर्देश दिया और हिदायत दी की पढ़ने के बाद उस समाचारपत्र को पूरी तरह नष्ट कर दें.
उन्होंने पूरे प्रदेश में होम क्वारंटीन सभी लोगों पर भी सतत निगरानी रखने का निर्देश दिया. उन्होंने मुखिया, सहिया और सेविका के माध्यम से होम क्वारंटीन लोगों के संबंध में लगातार फीडबैक लेने का निर्देश दिया.
साथ ही ऐसे लोग किसी भी हाल में गांव की गलियों में घूमे नहीं, यह सुनिश्चित करने का निदेश दिया. वहीं किसी में भी कोरोना के लक्षण दिखे, तो तत्काल उनकी जांच कराने की व्यवस्था की जाए.
क्वारंटीन स्थलों से लोग निकले नहीं, इसकी भी निगरानी रखें। मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे प्रतिदिन पांच मुखिया से व्यक्तिगत तौर पर बात करें और उस इलाके का फीडबैक लें.
कोविड अस्पतालों के लिए बना लें चेक लिस्ट
मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे चिह्नित कोविड अस्पतालों में जरूरी सुविधा की चेक लिस्ट बनाकर उसे अमलीजामा पहनाएं.
प्रोटोकॉल के अनुसार, वहां तैनात होनेवाले चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी तय कर लें. अन्य डॉक्टरों को भी अलर्ट पर रखें.
पी पी ई उपलब्ध है, लेकिन इसका उपयोग सिर्फ कोरोना पीड़ित मरीज के इलाज के दौरान ही करना है.
उन्होंने कहा कि राज्य में ऑक्सीजन की कमी नहीं है. कोविड अस्पतालों के हर 50 बेड के अनुपात में 100 ऑक्सीजन सिलिंडर तैयार रखें.
लॉकडाउन के दौरान एम एच एम की गाइड लाइन का करें अनुपालन
मुख्य सचिव ने लॉकडाउन के दौरान मिनिस्ट्री ऑफ होम (एम एच एम) की गाइड लाइन के अनुपालन पर बल देते हुए कहा कि किसी भी हाल में उससे इतर लोगों को पास निर्गत नहीं करें.
उन्होंने कहा कि गाइडलाइन में स्पष्ट है कि किसे लॉकडाउन के प्रतिबंधों से अलग रखा गया है. किसी भी कार्गो ट्रक को नहीं रोकना है. लेकिन, यह निगरानी जरूर रखनी है कि उस पर सवार होकर लोग यात्रा नहीं करें.