उत्तराखंड(देहरादून): सोमवार-मंगलवार (6-7 मार्च 2020) की मध्य रात्रि से उत्तराखंड पुलिस ‘तबलीगी-तंत्र’ को तहस-नहस करने पर उतर आयेगी.
राज्य पुलिस में इलाके में छिपे तबलीगियों को दो टूक ऐलान करके आगाह कर दिया है कि वे या तो खुद ही खुद को पुलिस अथवा स्वास्थ्य विभाग की टीमों के हवाले कर दें.
वरना आज आधी रात के बाद पुलिस उनके खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाने को आजाद होगी. सख्त कानूनी कदम भी किसी हल्की कानूनी धाराओं में नहीं.
सीधे-सीधे पहले हत्या की कोशिश (आईपीसी की धारा-307) उसके बाद अगले कदम के तहत सीधे-सीधे हत्या (आईपीसी की धारा-302) यानी कत्ल का मुकदमा तबलीगियों पर दर्ज कर दिया जायेगा.
सोमवार को फोन पर बात करते हुए यह जानकारी उत्तराखंड राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी पुलिस) अनिल कुमार रतूड़ी ने आईएएनएस को दी.
डीजीपी ने आगे कहा, “पुलिस की किसी से कोई ज्यादती/ निजी दुश्मनी नहीं है. कोरोना के इस बुरे दौर में समाज जिन हालातों से गुजर रहा है? ऐसे हालातों में भी संदिग्ध तबलीगी जिस तरह का अमानवीय व्यवहार कर रहे हैं. देश में तमाम तबलीगी यात्री कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद भी खुद को समाज के लोगों से अलग करने के बजाये हमारे-आपके ही बीच छिपने की कोशिश कर रहे हैं, उनका यह कृत्य किसी जखन्य अपराध से कम नहीं है.”
डीजीपी उत्तराखंड ने आगे कहा, कि”राज्य पुलिस का हर थाना चौकी और उन पर तैनात इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही-हवलदार तक संदिग्ध तबलीगियों से बार-बार आग्रह कर रहे हैं कि, वे खुद को स्वास्थ्य विभाग या पुलिस टीमों के हवाले कर दें. ताकि वक्त रहते उन्हें क्वारंटाइन कराके कम से कम बाकी स्वस्थ लोगों को तो कोरोना पॉजिटिव होने से बचाया जा सके.
इन तमाम गुजारिशों का तबलीगियों पर कोई असर नहीं हो रहा है. लिहाजा अपने खिलाफ हत्या की कोशिश और जरुरत पड़ने पर पुलिस को हत्या तक की धाराओं में आपराधिक मामले दर्ज करने को तबलीगियों ने ही मजबूर किया है.”