रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र बरहेट में आदिवासियों को प्रदर्शन के लिए उकसाने का आरोप लग रहा है. साहेबगंज जिला प्रशासन की ओर से मुख्यमंत्री की छवि धूमिल करने के आरोप में दो पत्रकारों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
राजमहल के अनुमंडल पदाधिकारी के बयान पर पुलिस ने बरहरवा के दो पत्रकारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किया है. इन दोनों पत्रकारों पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की छवि धूमिल करने के लिए साजिश के तहत केन्दुआ गांव में परिवारों को थाली लेकर सड़क किनारे बैठाने का आरोप है.
पुलिस ने दोनों पत्रकारों के खिलाफ राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एक्ट की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर ली है. इस मामले में दोनों पत्रकारों समेत तीन बिचौलियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
इधर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस प्रयास को शर्मनाक करार दिया है. मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर बताया कि उनकी छवि को धूमिल कर अपनी राजनीति साधने की यह कोशिश लोग अब अच्छे से समझ सकेंगे.
उन्होंने कहा कि इस महामारी के वक्त पत्रकारिता का राजनीतिकरण तकलीफदेह एवं लोकतंत्र के लिए अत्यंत घातक है. जहां पिछले सरकार में राज्य पर लगातार भूखमरी का कलंक लगा.
वहीं इस आपदा के दौर में राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि कोई झारखंडी भूखा नहीं सोयेगा. आज यह स्थिति कुछ लोगों को खटक रही है, जिसके कारण उनके खिलाफ ऐसी निम्न स्तर की राजनीति हो रही है.
बताया गया है कि क्षेत्र में स्थानीय पत्रकार का एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें आदिवासियों को सड़क पर थाली लेकर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करने की बात सामने आई है.
इस ऑडियो में बरहेट विधानसभा क्षेत्र के पतना प्रखंड के केंदुआ गांव में आदिवासी महिलाओं को सड़क पर थाली ले कर बैठने के लिए उकसाने की बात है. 4 मिनट के इस ऑडियो में साफ साफ सुना जा सकता है कि कैसे हेमंत सरकार के खिलाफ स्थानीय नेता और पत्रकार मिलकर साजिश रच रहे हैं.
पत्रकार से बातचीत और उकसावे के बाद स्थानीय आदिवासी महिलाओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए केंदुआ गांव सड़क की दोनों ओर बैठकर प्रदर्शन भी किया. बताया गया है कि अगर ये ऑडियो वायरल नहीं होता, तो सरकार की किरकिरी होनी तय थी.