नई दिल्ली: दिवाली के लिए सजने वाली राम की नगरी अयोध्या में धनतेरस के मौके पर ही रौशनी से जगमगा उठी है और आज छोटी दीपावली के अवसर पर यहां दीपोत्सव मनाया जाएगा. इस दौरान राम की पैड़ी के घाटों पर एक साथ पांच लाख 50 हजार से अधिक दीपक जलाया जाएगा.
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के मंदिर के सामने दीपक जलाकर विशेष पूजन करेंगे.
दुल्हन की तरह सजी आयोध्या
एक साथ पांच लाख 50 हजार से अधिक दीपक जलाकर ये नया गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड बनेगा. दीपोत्सव से पहले गुरुवार की शाम से ही अयोध्या को दुल्हन की तहर सजा कर तैयार किया गया है. राम की पैड़ी के साथ धर्मनगरी की सड़कें और गलियां भी जगमगा रही हैं और सरयू के तट की भी साज-सज्जा की गई है.
दीपोत्सव-2020 के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल लखनऊ से फैजाबाद तीन बजकर पांच मिनट पर उतरेंगे और सड़क मार्ग से रामजन्मभूमि तीन बजकर दस मिनट पर पहुंचेंगे और पूजा-अर्चना के बाद रामकथा पार्क रवाना होंगे. वहीं अपराह्न 3.30 बजे वह प्रभु राम के स्वरुपों की अगवानी करेंगे.
डाक विभाग की ओर से जारी विशेष कवर का अनावरण
इसके बाद श्रीराम राज्याभिषेक समारोह अपराह्न 3.50 बजे से शुरु होकर सायं 5.30 बजे तक चलेगा. इस दौरान मुख्यमंत्री और राज्यपाल भगवान का राजतिलक करेंगी. दीपोत्सव पर डाक विभाग की ओर से जारी विशेष कवर का अनावरण होगा इसके बाद समारोह को सम्बोधित भी करेंगे.
फिर रामकथा पार्क से स्वर्गद्धार घाट के लिए निकलेंगे और मां सरयू की आरती में हिस्सा लेंगे. शाम छह बजे यहां का कार्यक्रम खत्म कर मुख्यमंत्री और राज्यपाल दीपोत्सव के लिए रामपैड़ी पधारेंगे और छह बजकर पांच मिनट पर दीपोत्सव का शुभारम्भ करने मंच पर पहुंचेंगे.
रविवार की सुबह हनुमानगढ़ी में योगी करेंगे दर्शन
यहां से राज्यपाल पटेल वापस लखनऊ के लिए प्रस्थान करेंगी. जबकि 7.20 बजे मुख्यमंत्री रामपैड़ी से निकलकर फिर रामकथा पार्क में रामलीला के मंचन का अवलोकन करने आएंगे. और रात आठ बजे वह सर्किट हाउस के लिए रवाना होंगे और वहीं आराम करेंगे. इसके आगे का कार्यक्रम मुख्यमंत्री की सुविधा के अनुसार होगा.
जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री रविवार की सुबह हनुमानगढ़ी में विराजमान हनुमंतलला का दर्शन करेंगे. कार्तिक कृष्ण चतुर्देशी के पर्व पर शनिवार की मध्यरात्रि में हनुमान जी की जयंती मनाई जाएगी. इसके बाद मुख्यमंत्री रामलला के दरबार में भी जाएंगे और फिर कारसेवकपुरम में संत-महंतों और जनप्रतिनिधियों से मिलेंगे, इसके बाद वह गोरखपुर के लिए प्रस्थान करेंगे.