रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 7 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे. इस विधानसभा क्षेत्रों में बहरागोड़ा भी शामिल है. इस सीट पर इस बार दो दलबदलुओं के बीच मुकाबला होने की संभावना है. ये हैं कुणाल षाड़ंगी और समीर कुमार मोहंती. कुणाल इस बार बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं तो समीर झामुमो की टिकट पर. चुनाव से पहले कुणाल झामुमो के विधायक हुआ करते थे तो समीर भाजपा में थे. कुणाल ने 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के डॉ दिनेशानंद गोस्वामी को हराया था.
लोकसभा में भाजपा आगे
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी को बढ़त मिली थी. बीजेपी को 1 लाख 35 हजार 421 मत मिले थे, जबकि झामुमो को 66 हजार 774 वोट प्राप्त हुए थे. यानी बीजेपी करीब 69 हजार वोट से आगे थी. पार्टी को यकीन है कि यह स्थिति विधानसभा चुनाव में कायम रहेगी.
ये हैं प्रत्याशी
बारहा मुर्मू (निर्दलीय), कृष्ण चंद्र जना (आमरा बंगाली), कुलविंदर सिंह (ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस), कृतिबास मंडल (निर्दलीय), समीर कुमार मोहंती (झारखंड मुक्ति मोर्चा), सनंत कुमार महतो (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया), कुणाल षाडंगी (बीजेपी), हर मोहन महतो (झारखंड विकास मोर्चा, प्रजातांत्रिक)
अब तक के विधायक
बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र से 1972 में कांग्रेस से शिबू रंजन खां जीते. वे बिहार सरकार में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री बने थे. इसके बाद 1980 से 2000 तक बहरागोड़ा सीट पर वामदल का पताका फहरता रहा. भाकपा के देवीपद उपाध्याय चार बार इस क्षेत्र से जीते.
2000 और 2005 में भाजपा के टिकट पर डॉ दिनेश षाड़ंगी जीतकर विधायक और स्वास्थ्य मंत्री बने. 2009 में डॉ षाड़ंगी को झामुमो के विद्युत वरण महतो ने हराया. 2014 में डॉ दिनेश षाड़ंगी के पुत्र कुणाल षाड़ंगी झामुमो के टिकट पर यहां से विधायक बने.