रांची: सिविल कोर्ट रांची में बेल की सुनवाई विडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से हुई. सिविल कोर्ट के इतिहास में यह पहली सुनवाई है, जो विडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से हुई. इस सुनवाई की विशेषता यह रही कि न्यायायुक्त नवनीत कुमार अपने आवासीय कार्यालय से तथा पी.पी. एवं बचाव पक्ष के अधिवक्ता भी अपने आवास से विडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से जुड़े तथा बेल की सुनवाई की गयी.
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ज्ञात हो कि बेल पिटीशन नंबर 360/2020 इसके अभियुक्त प्रदीप मंडल, ललन कुमार यादव, संतोष साव और हेमाकांत महतो थे. उक्त वाद रांची रेल थाना काण्ड संख्या 03/2020 दिनांक 05.02.2020 अंतर्गत धारा 414 भा.द.वि. से संबंधित था तथा सभी अभियुक्त दिनांक 05.02.2020 से न्यायिक अभिरक्षा में थे. लोक अभियोजक अनिल कुमार सिंह के द्वारा न्यायालय से अनुरोध किया गया कि सम्पूर्ण केस डायरी को देखने की आवश्यकता है, अतः न्यायालय द्वारा अगली तिथि निर्धारित कर पुनः बेल की सुनवाई हेतु रखा गया. इसमें बचाव पक्ष के अधिवक्ता सौरभ कुमार थे तथा लोक अभियोजक अनिल कुमार सिंह के द्वारा अभियोजन पक्ष रखा गया था.
ज्ञात हो कि उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डाॅ. रवि रंजन ने वी.सी. के माध्यम से बैठक करके यह निर्देश दिया था कि न्यायाधीशगण आवश्यक मामलों की सुनवाई भी अपने आवासीय कार्यालय से वी.सी. के माध्यम से करें, जिससे कि कोरोना वायरस के कारण हुए लाॅकडाउन का अक्षरशः पालन हो सके तथा पक्षकार एवं अन्य पदाधिकारीगण को अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलना पड़े तथा न्यायिक कार्यवाही भी बाधित न हो.
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न्यायायुक्त नवनीत कुमार के द्वारा उक्त आदेश का पालन करते हुए पी.पी. एवं बचाव पक्ष के अधिवक्ता को विडियो कॉन्फ्रेन्स से होनेवाले कार्यवाही के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गयी तथा सभी पक्षकारों की सहमति से विडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से बेल की सुनवाई हुई.