साहेबगंज: रो-रो सेवा के तहत मालवाहक जहाजों के परिचालन का अभी 15 दिन भी नहीं हुआ कि उस पर ग्रहण लग गई. राज्य सरकार ने राजस्व का हवाला देते हुए साहेबगंज से रो-रो सेवा के तहत चलने वाली मालवाहक जहाजों के परिचालन पर रोक लगा दिया.
इससे जहां बंदरगाह प्रशासन अचंभित है, वहीं भाजपा ने इसे साजिश करार दिया है. पार्टी नेताओं ने कहा कि साहेबगंज के मल्टी मॉडल टर्मिनल को षड्यंत्र का हिस्सा बनने नहीं देंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहेबगंज में संताल परगना के विकास को लेकर करोड़ों रुपए की लागत से बंदरगाह का निर्माण कराया. निर्माण के बाद से ही संचालन की अटकलें लग रही थी और मई माह के अंत में एडब्ल्यूएआई ने राष्ट्रीय जलमार्ग 1 के साहिबगंज बंदरगाह से बिहार के मनिहारी के बीच रो-रो सेवा के तहत चार एजेंसियों को मालवाहक जहाज चलाने की अनुमति दे दी गई. जिसकी सूचना बिहार और झारखंड राज्य के प्रशासन को भी दी गई.
साहेबगंज बंदरगाह के उपनिदेशक प्रशांत कुमार का कहना है कि रो-रो सेवा प्रारंभ करने से पूर्व डीसी को इसकी सूचना दी गई थी. जिस पर साहेबगंज और कटिहार जिला प्रशासन ने सहमति जताते हुए मालवाहक जहाजों के परिचालन की अनुमति दी थी.
कई मालवाहक जहाजों का परिचालन बंदरगाह परिसर से किया जा रहा था, लेकिन अचानक साहेबगंज उपायुक्त ने लिखित आदेश जारी कर जहाजों के परिचालन पर रोक लगा दी.
इस संबंध में साहेबगंज एडिशनल कलेक्टर अनुज प्रसाद ने बताया कि राज्य को हो रहे राजस्व नुकसान को लेकर राज्य परिवहन सचिव द्वारा निर्गत पत्र के आलोक में तत्काल इस सेवा को स्थगित किया गया है .
वहीं राजमहल विधानसभा से भाजपा विधायक अनंत ओझा ने बंदरगाह जैसे रोजगार पैदा करने वाले योजनाओं पर रोक लगाए जाने को एक साजिश का संकेत करार दिया है.
उन्होंने कहा कि एक ओर लॉकडाउन से जहां लोगों का रोजगार छिन गया है. बंदरगाह के चालू होने से अनेकों रोजगार सृजित होंगे और साहिबगंज और संताल परगना के साथ -साथ संपूर्ण राज्य का विकास होगा.
लेकिन राज्य सरकार का इस पर रोक लगाना निश्चित रूप से चिंता का विषय है. इसको लेकर वरीय पदाधिकारियों से बात करूंगा. और जिस स्तर पर भी इस मामला को उठाने की आवश्यकता होगी उठाऊंगा.