बिहार: देश में लॉकडाउन लगने के बाद से हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर शहरों को छोड़कर अपने-अपने घरों की ओर जा रहे हैं. इनमें बड़ी संख्या में बिहार के मजदूर भी शामिल हैं. कोई परिवाहन सुविधा न होने के कारण बड़ी संख्या में मजदूर पैदल ही अपने घरों को निकल पड़े हैं. अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रवासी मजदूरों से धैर्य बनाए रखने को कहा है. उन्होंने कहा है कि प्रवासी मजदूरों को बिहार लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.
नीतीश कुमार ने ट्वीट कर कहा, ‘बिहार के बाहर फंसे जो भी प्रवासी मजदूर बिहार आने को इच्छुक हैं, उन सभी को बिहार लाया जाएगा. वे परेशान न हों, धैर्य रखें, सुरक्षित रहें. सरकार पूरी क्षमता से सभी इच्छुक प्रवासी मजदूरों को जल्द से जल्द बिहार लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है.’ मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के प्रकोप के चलते राज्य में स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की. बता दें बिहार में इस बीमारी से 1,000 से अधिक लोग संक्रमित हो गए हैं और प्रवासियों ने वापस आना शुरू कर दिया है. बड़ी संख्या में ये लोग श्रमिक विशेष ट्रेनों के माध्यम से आए हैं.
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘प्रवासी मजदूरों के आने को लेकर मुख्य सचिव को निर्देश दिया गया है कि केंद्र सरकार के साथ समन्वय कर रेल मंत्रालय को ऐसी व्यवस्था बनाने के लिए अनुरोध करें, कि बिहार आने के इच्छुक प्रवासी मजदूरों को उनके प्रस्थान की तिथि की अग्रिम जानकारी प्राप्त हो जाए ताकि उनमें निश्चिंतता का भाव पैदा हो सके, इससे प्रवासी मजदूरों में घर लौटने की बेचैनी अथवा किसी प्रकार की आशंका या आक्रोश उत्पन्न नहीं होगा.’ इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि किसी को भी पैदल आने की जरूरत नहीं है.
बता दें अपने गृह राज्य तक पैदल जाने वाले कई मजदूर सड़क हादसों का भी शिकार हुए हैं. गुरुवार को ही उत्तर प्रदेश में एक बस हादसे में 6 मजदूरों की मौत हो गई. ये सभी पंजाब से बिहार स्थित गोपालगंज के लिए निकले थे.