उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर जहां घमासान मचा है, वहीं आगरा के एक गांव में ग्रामीणों ने मिसाल पेश की है. गांव के लोगों ने पंचायत कर गांव की परास्नातक बेटी को निर्विरोध ग्राम प्रधान चुन लिया. ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधानी पद के लिए 5 उम्मीदवारों ने गांव की शिक्षित बिटिया सरला गुर्जर को समर्थन देकर चुनावी मैदान से हटने का फैसला कर लिया. सरला के विकास के मुद्दों एवं रोडमैप से ग्राम पंचायत के लोग इतने प्रभावित हुए कि उन्हेंे सर्वसम्मति से निर्विरोध ग्राम प्रधान चुनने का ऐतिहासिक फैसला कर लिया.
बाह क्षेत्र के जैतपुर के बड़ा गांव में प्रधानी के चुनाव के पहले एक सामाजिक पंचायत हुई. इसमें उच्च शिक्षा प्राप्त गांव की बिटिया सरला सिंह गुर्जर को प्रधान बनाने का फैसला लिया गया. ग्रामीणों की पंचायत 4 घंटे तक चली और इसमें सभी 5 दावेदारों ने ग्रामीणों के फैसले का स्वागत किया. सभी दावेदारों ने चुनाव न लड़ने का संकल्प लिया. जैतपुर ब्लॉक के बड़ा गांव में निवर्तमान प्रधान प्रहलाद सिंह, बल्ली गुर्जर, राजकुमार, सियाराम, गीता, सरला इस बार प्रधान पद के दावेदार थे. गांव की बिटिया सरला सिंह गुर्जर ने जिस तरह से गांव के समग्र विकास की बात कही थी उसके बाद सभी दावेदार उनके कायल हो गए. गांव के विकास के लिए सभी दावेदारों ने उच्च शिक्षित बिटिया के हक में चुनाव मैदान से हट जाने का फैसला लिया.
ग्रामीणों के फैसले को सिर माथे पर लेते हुए पत्रकारिता की पढ़ाई कर प्रशासनिक अधिकारी बनने की तैयारी में जुटी सरला सिंह गुर्जर ने कहा कि महिलाएं खुले में शौच में न जाएं, इसके लिए व्यापक स्तर पर कार्य करना होगा. बुजुर्ग और विधवाओं को पेंशन दिलाना उनकी प्राथमिकता है. इसके अलावा सरकार की योजनाओं की जानकारी घर-घर तक पहुंचाना भी जरूरी है. सरला सिंह गुर्जर ने कहा कि वह हर जरूरतमंद की सेवा के साथ-साथ उनका हक दिलाने का काम करेंगी.