वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन सत्ता संभालते ही एक्शन में आ गए हैं. बुधवार को राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने के बाद उन्होंने 15 कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करके पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसलों को पलट दिया है. इसी बीच बाइडेन ने प्रवासियों को राहत देने वाले एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं. इसका फायदा 1.1 करोड़ प्रवासियों को मिलेगा. इसमें लगभग पांच लाख भारतीय शामिल हैं.
बाइडेन ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद सबसे पहले आव्रजन प्रणाली को पूरी तरह से बदलने की शुरुआत की. उन्होंने अपने आदेशों के तहत कई ऐसे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए हैं जो ट्रंप की विवादास्पद आव्रजन नीतियों को बदलने वाले हैं. उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस से अनुरोध किया है कि वे 1.1 करोड़ अवैध प्रवासियों को स्थायी दर्जा दें और उन्हें नागरिकता देने का रास्ता बनाने के लिए कानून बनाएं. एक अनुमान के अनुसार इसमें लगभग भारतीय मूल के पांच लाख लोग हैं जिनके पास वैध कानूनी दस्तावेज नहीं हैं.
बाइडेन प्रशासन का आव्रजन विधेयक ट्रंप प्रशासन की कड़ी आव्रजन नीतियों के विपरीत होगा. विधेयक के बारे में जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि बाइडन के शपथ ग्रहण के बाद इस विधेयक को पेश किया जा सकता है. राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के तौर पर बाइडन ने ट्रंप की आव्रजन नीतियों को अमेरिकी मूल्यों पर ‘कठोर हमला’ करार दिया था. इन 1.1 करोड़ अवैध लोगों पर अमेरिका से बाहर जाने का खतरा मंडरा रहा था.
सत्ता संभालने से पहले बाइडेन ने कहा था कि वह इस ‘नुकसान की भरपाई करेंगे.’ बाइडन के विधेयक के अनुसार, एक जनवरी 2021 तक अमेरिका में किसी कानूनी दर्जे के बिना रह रहे लोगों की पृष्ठभूमि की जांच की जाएगी और यदि वे टैक्स (कर) जमा करते हैं और अन्य बुनियादी अनिवार्यताएं पूरी करते हैं, तो उनके लिए पांच साल के अस्थायी कानूनी दर्जे का मार्ग प्रशस्त होगा या उन्हें ग्रीन कार्ड दिया जाएगा. इसके बाद वे तीन साल बाद नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं.